पाकिस्तान की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था फिर दुनिया के सामने उजागर हो गई है। मजुफ्फराबाद स्थित शेख खलीफा बिन जायद कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए ऐसी पीपीई किट दी गई, जिसका पहले से ही इस्तेमाल किया किया जा चुका था। इस बात की किट और मास्क पर लगे पान के दाग कर रहे हैं।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुख्यमंत्री ने इसे ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एजेके के अस्पतालों में मिलिट्री से करीब तीन लाख पीपीई किट आए। लेकिन हमारे अस्पतालों को जो किट मिले वे पहले से ही उपयोग किए जा चुके हैं। कुछ मास्कों पर लाल दाग लगे थे। लैब में टेस्ट करने के बाद पता चला कि ये पान के दाग हैं।’

आगे उन्होंने लिखा, ‘हमारे अस्पताल के प्रोटोकॉल के मुताबिक, सभी पीपीई किट को नष्ट कर दिया गया, जिससे कि संक्रमण नहीं फैले। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि पहले हमें ‘मेड इन चैना’ लिखी नकली टेस्टिंग मशीन दी गई और अब एजेके पीपीई किट का डंपिंग ग्राउंड बन गया।’

आपको बता दें कि इस अस्पताल की स्थापना 2005 में आए भूकंप के पीड़ितों के इलाज के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान ने करवाया था।

कोरोना वायरस की बात करें तो पाकिस्तान में इस महामारी का आंकड़ा 45898 के पार चला गया है। बुधवार को यहां 1932 नए मामले सामने आए हैं। पीओके में 133 और गिलगित-बाल्टिस्तान में 556 कोरोना के मामले अभी तक सामने आए हैं। आपको बता दें कि हाल ही में पीओके में डॉक्टरों ने पीपीई किट की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था। अधिकांश स्वास्थ्यकर्मियों ने बिना पीपीई किट अस्पताल जाने से इनकार कर दिया था।

आपको बता दें कि लगातार इस बात की खबर आती रहती है कि पाकिस्तान सरकार पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है।

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