देश में कोरोना के सक्रिय मामले बंद हो चुके मामलों से कम हो गए हैं। अब तक संक्रमित हुए कुल मामलों में से तकरीब 51.3 फीसदी मामलों का निपटारा हो चुका है। इनमें से 48.49 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि करीब 2.83 फीसदी मरीजों की मत्यु हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार संक्रामक बीमारी में बंद हो चुके मामलों की संख्या का सक्रिय मामलों से ज्यादा होना सकारात्मक संकेत है।

अब तक 124430 लोग स्वस्थ हो चुके हैं तथा 7200 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह संख्या मिलाकर 131630 होती है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 124981 है। संभावना है कि आने वाले दिनों में बंद हो चुके मामलों का प्रतिशत यदि बढ़ता जाएगा और सक्रिय मरीज कम होते रहेंगे तो बीमारी का फैलाव भी सीमित होता जाएगा।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार (8 जून) को जारी आंकड़ों के अनुसार स्वस्थ हो चुके हैं एवं अस्पताल में भर्ती हो चुके मरीजों की संख्या भी करीब-करीब बराबरी पर आ चुकी है। 124981 लोग अभी कोरोना से बीमार हैं तथा उपचार करा रहे हैं, जबकि 124430 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। दोनों संख्याओं में मामूली सा फर्क है।

रोजाना संक्रमण में वृद्धि दर पिछले चौबीस घंटों के दौरान यदि कोरोना के रोजाना संक्रमण की वृद्धि दर पर नजर डालें, तो यह करीब 3.8 फीसदी के करीब है। लॉकडाउन से पहले यह 15 फीसदी के करीब थी। दो सप्ताह पहले 4.5 फीसदी थी, लेकिन पिछले चौबीस घंटों के दौरान यह 3.8 दर्ज की गई है। यदि यह एक फीसदी से नीचे आ जाती है, तो यह मान लिया जाता है कि महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण हासिल कर लिया गया है।

नौ फीसदी नमूने पॉजीटिव निकले, रफ्तार बढ़ी
देश में रोजाना होने वाली कोरोना नमूनों के पॉजीटिव निकलने की दर में लगातार इजाफा हो रहा है। सोमवार (8 जून) को आईसीएमआर के जांच के आंकड़े बताते हैं कि नौ फीसदी से ज्यादा नमूने पॉजीटिव निकले हैं। जबकि एक महीने पहले तक यह दर चार फीसदी के करीब स्थिर थी। लेकिन अब यह दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है।

आईसीएमआर ने सोमवार की सुबह नौ बजे जारी बुलेटिन में बताया कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान कुल 108048 नमूनों की जांच की गई है। इस दौरान 9983 नमूने पॉजीटिव निकले हैं जो तकरीबन 9.2 फीसदी बैठता है। नमूनों के पॉजीटिव होने की यह अब तक की सर्वाधिक ऊंची दर है। यहां यह भी गौरतलब है कि बीचे चौबीस घंटों के दौरान जांच में थोड़ी कमी आई है, जबकि छह जून को 137938 नमूनों की जांच की गई थी तब करीब 7.1 फीसदी नमूने पॉजीटिव निकले थे।

नमूनों के कम जांच की वजह दिल्ली में कई निजी प्रयोगशालाओं पर प्रतिबंध लगाना भी हो सकता है। देश में अब तक 4774434 नमूनों की जांच हो चुकी है। इनमें से 256611 नमूने पॉजीटिव निकले हैं। इस प्रकार अब तक के नमूनों की पाजीटिव होने की दर 5.4 फीसदी के करीब दर्ज की गई है, जबकि पहले यह चार फीसदी के करीब थी।

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