कोरोना की महामारी देश में कब तक खत्म होगी, यह सवाल आज हर व्यक्ति के मन में है। सरकार कोई दावा नहीं कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के दो वरिष्ठ विशेषज्ञों डा. अनिल कुमार और डा. रुपाली राय ने एक शोध में दावा किया है कि सितंबर के मध्य तक महामारी खत्म हो सकती है।

बता दें कि डा. अनिल कुमार स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में उप महानिदेशक हैं और डा. रूपाली राय सहायक महानिदेशक हैं। यह शोध एपिडेमीलॉजी इंटरनेशनल जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। शोध में महामारी के खत्म होने को लेकर गणितीय आकलन मशहूर बैली मॉडल के आधार पर किया गया है।

बैली मॉडल के अनुसार कोई महामारी तब खत्म होती है जब उससे संक्रमित लोगों की संख्या के बराबर लोग ही उसे बीमारी से अलग हो जाएं।अलग हो जाने से तात्पर्य या तो वे स्वस्थ हो गए हों या बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो जाए। इस मॉडल में महामारी के आकलन के लिए बैली मॉडल रिलेटिव रिमूवल रेट (बीएमआरआरआर) निकाला जाता है, जो स्वस्थ हुए और मर चुके लोगों की संख्या के आधार पर तय होता है।

शोध में 19 मई तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है तब तक देश में 106475 संक्रमण हुए थे जिनमें से 42306 स्वस्थ हो गए थे तथा 3302 की मौत हो गई थी। तब बीएमआरआरआर रेट 42 फीसदी था। लेकिन महामारी खत्म तभी होती है जब यह सौ फीसदी के करीब पहुंचता है।

शोध के मुख्य लेखक डा. अनिल कुमार स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में उप महानिदेशक हैं तथा पब्लिक हैल्थ एक्टपर्ट भी हैं। वे कहते हैं कि अभी बीएमआरआरआर 50 फीसदी तक पहुंच चुका है। हमारी गणना कहती है कि सितंबर के मध्य तक यह सौ फीसदी के करीब पहुंच जाएगा। तब यह महामारी खत्म होगी। यूरोप के कई देशो में बैली मॉडल से आकलन किए गए हैं, वे सटीक निकले हैं, लेकिन आकलन के सफल होने में कई अन्य कारक भी प्रभाव डालते हैं। इसलिए नतीजों की सौ फीसदी गारंटी नहीं है।

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