कोरोना महामारी की वजह से देशभर में स्वास्थ्य व्यवस्था की मौजूदा स्थिति सबके सामने आ गई है। इसे लेकर सरकार भी काफी सतर्क और चिंतित नजर आ रही है। यही कारण है कि सरकार ने भारत की दवा नियामक प्रणाली में सुधार की अनुशंसा के लिए विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है ताकि स्वीकृति प्रक्रियाओं को गति दी जा सके।

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे का सामना करते हुए, दवाओं की स्वीकृति प्रक्रिया को गति देने, अनुसंधान और टीका विकास जैसे कई कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक, समिति वर्तमान दवा नियामक प्रणाली का अध्ययन करेगी और सुधारों की अनुशंसा सौंपेगी ताकि पूरी प्रणाली को वैश्विक मानकों के हिसाब से ढाला जा सके और इसे अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

सरकार के एक आदेश में कहा गया, दवा नियामक प्रणाली में सुधार के मुद्दे पर काफी समय से सरकार का ध्यान है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान जरूरी प्रक्रियात्मक बदलाव किए गए हैं और उनके परिणाम भी अच्छे रहे लेकिन फिर भी यह महसूस किया गया कि दवा नियामक प्रणाली में अभी भी विस्तृत बदलावों की आवश्यकता है।

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