इटावा खुशखबरी! चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई में तीन मरीजों ने कोरोना को दिया मात, स्वस्थ होने पर हुए डिस्चार्ज
खुशखबरी! आगरा से भेजे 3 मरीजों ने कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीती

सैफई 03 मई (अनिल कुमार पाण्डेय)। चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई आगरा से भेजे गये 70 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में से 3 मरीजों ने कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीत ली। ये तीनों मरीज आगरा से यहाॅ 23 अप्रैल को भेजे गये थे। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि कोरोना को मात देकर जिन्दगी की जंग जीतने वालों में महेन्द्र उम्र 47 वर्ष निशा उम्र 42 वर्ष पीयूष उम्र 17 वर्ष है। जिसमें पीयूष महेन्द्र तथा निशा के बेटे हैं। इन तीनों मरीजों में से महेन्द्र की आगरा में 17 अप्रैल को तथा निशा एवं  पीयूष की 19 अप्रैल को की गयी सैंपलिंग में तीनों कोरोना पाॅजिटिव पाये गये थे। विश्विद्यालय में 23 अप्रैल को आने तथा कोविड-19 अस्पताल में भती होने के बाद उनकी पहली सैपलिंग 01 मई तथा दूसरी सैंपलिंग 02 मई को गाइडलाइन के अनुसार की गयी जिसमें दोनों सैंपलिंग निगेटिव आयी है।

अब उन्हें इस निर्देश के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है कि यहाॅ से जाने के बाद वह दो हफ्ते सेल्फ क्वारंटाइन में रहेंगे तथा इसके साथ ही उन्हें क्वारंटाइन सम्बन्घि गाइडलान की प्रति दी गयी है। प्रो0 राजकुमार ने यह भी कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के लिए भी इसी प्रकार की खुशखबरी आने की सम्भवाना है।

विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार ने बताया कि इन तीनों कोरोना मरीजों की विश्वविद्यालय में भर्ती के बाद किये गये  दोनों रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने आगरा प्रशासन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद आगरा प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा को इस सम्बन्ध में अवगत् कराया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आगरा ने मरीजों को लेने के लिए एम्बुलेंस भेजा तथा इन तीनों कोरोना से ठीक हुए मरीजों को जरूरी गाइडलाइन के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा द्वारा भेजे गये एम्बुलेंस टीम टीम को हेन्डओवर कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में कोविड-19 अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कुल 70 मरीज हैं जिनमें की 68 मरीज आगरा से भेजे गये हैं और दो मरीज विश्वविद्यालय में जाॅच के दौरान पाॅजिटिव पाये गये और इनमें से एक मरीज आईसीयू में है जो फिरोजाबाद का है। हमें उम्मीद है कि सभी मरीज ठीक होकर विश्वविद्यालय से अपने घर जायेंगें।

कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीतने वाले महेन्द्र उम्र 47 वर्ष ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें लग रहा है कि उन्हें तथा उनके परिवार को नयी जिन्दगी मिली है। इसके लिए वह ईश्वर के साथ चिकित्सा विश्वविद्यालय, सैफई तथा विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल के सभी हेल्थ वर्कर्स का तहेदिल से शुक्रगुजार है।

उन्होंने कहा कि यहाॅ आने के बाद उन्हें तथा उनके परिवार का जिस तरह ख्याल रखा गया उसे वह और उनका पूरा परिवार जिन्दगी भर नहीं भूलेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार को इस बात के लिए विशेष धन्यवाद दिया कि उनके द्वारा कोविड-19 मरीजों के लिए चलाये गये योगा एवं ध्यान तथा आयुर्वेदिक काढ़ा का उनके तथा उनके साथी मरीजों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ा उनके हेल्थ में तेजी से सुधार हुआ और वह और उनका परिवार कोरोना की जंग में विजयी होकर निकले हैं।

कोविड-19 अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर कोविड-19 में लगे हेल्थ वकर्स की टीम के सदस्य तथा विश्वविद्यालय परिवार महेन्द्र, निशा तथा पीयूष को विदा दी तथा उनके बेहतर स्वास्थ तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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