दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 87 लाख पहुंच गई है जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा सात लाख के पार हो गया है। इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। जहां भारत में महज 24 घंटे में 50-50 हजार से ऊपर केस आ रहे हैं, वहीं ब्राजील में भी पिछले 24 घंटों में कोरोना के 57,152 नए मामले सामने आए हैं और 1,437 लोगों की मौत हुई है। हालांकि भारत में मौत का आंकड़ा बेहद ही कम है, क्योंकि यहां लोग जल्दी रिकवर हो जा रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़ों पर आधारित एक ताजा रिपोर्ट जारी की गई है, जो चौंकाने वाली है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस महामारी से हर दिन करीब 5900 लोग मर रहे हैं यानी हर घंटे 247 लोग यानी हर 15 सेकेंड पर इससे एक व्यक्ति की मौत हो रही है। ऐसे में दुनिया को इससे निपटने के लिए वैक्सीन की सख्त जरूरत है।

कोरोना वैक्सीन को लेकर अमेरिका के जाने-माने संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ एंथोनी फाउची कहते हैं कि अगले साल की शुरुआत में शायद कोरोना वैक्सीन की करोड़ों खुराक आ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वैक्सीन के जल्द आने की खबर से ऐसा लगता है कि चीजें हमारे नियंत्रण में हैं और वैक्सीन बनने की प्रक्रिया सकारात्मक है।

हालांकि डॉ. फाउची ने कोरोना वैक्सीन पर पूरी तरह से विश्वास नहीं जताया है। उन्होंने कहा कि इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती और वैक्सीन के बावजूद मुझे नहीं लगता कि हम इस वायरस को पूरी तरह खत्म कर पाएंगे।

अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और ऐसा कहा जा रहा था कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि चुनाव से पहले ही कोई प्रभावी वैक्सीन आ जाए। इस बारे में डॉ. फाउची ने कहा कि अमेरिकी नियामकों ने वैज्ञानिकों को आश्वस्त किया है कि वैक्सीन को लेकर कोई राजनीतिक दबाव नहीं बनाया जाएगा। इसको लेकर सबसे अहम सुरक्षा और प्रभावी मानक हैं।

ब्रिटेन की सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार ने संकेत दिए हैं कि साल 2020 के अंत या 2021 में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। हेल्थ सेक्टर से जुड़ी चैरिटी संस्था वेलकम ट्रस्ट के डायरेक्टर सर जेरेमी फेरार के मुताबिक, फिलहाल फर्स्ट जेनरेशन की पांच वैक्सीन हैं, जो उपलब्ध होने जा रही हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि फर्स्ट जेनरेशन की वैक्सीन से समस्या का समाधान होने वाला नहीं है।

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कोरोना वायरस और उसके वैक्सीन को लेकर अपने एक बयान में कहा था कि फिलहाल इस वायरस के लिए कोई सटीक और पक्के तौर पर इलाज उपलब्ध नहीं है और हो सकता है कि कभी हो ही ना। हालांकि इसके बावजूद दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं।

अमेरिका की एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन NVX-CoV2373 कोरोना वायरस को तो खत्म करने में सक्षम है और साथ ही यह शरीर में उच्च स्तर के एंटीबॉडीज भी बनाएगी, ताकि भविष्य में शरीर पर कोरोना का हमला न हो। फिलहाल इस वैक्सीन के अंतिम चरण का तीसरा यानी आखिरी ट्रायल चल रहा है, जो सितंबर के अंत तक खत्म हो जाएगा। कंपनी का दावा है कि 2021 में वो वैक्सीन की 100-200 करोड़ डोज बनाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here