राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लगभग आधे निवासी जहां दिल्ली से लगती सीमाओं को नहीं खोलना चाहते हैं। वहीं, करीब 66 प्रतिशत दिल्ली के लोग चाहते हैं कि नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद से लगती सीमाएं फिर से खोल दी जाएं।

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के चलते दिल्ली से लगती एनसीआर की सीमाएं सील हैं और राजधानी में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के मामलों के चलते एनसीआर के लोग चाहते हैं कि सीमाओं को फिलहाल के लिए नहीं खोला जाना चाहिए।

लोकल सर्किल के सर्वे के अनुसार, गुरुग्राम और गाजियाबाद की तुलना में नोएडा और फरीदाबाद के निवासी अधिक संख्या में सीमा खोलने के पक्ष में हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाएं दो राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती हैं। हर दिन लाखों की संख्या में लोग काम के सिलसिले में इन राज्यों की एनसीआर स्थित सीमाओं से नई दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में आते-जाते हैं।

दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के बीच उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने राजधानी दिल्ली से लगती अपनी सीमाओं को सील कर दिया था। हालांकि, कुछ दिन पहले हरियाणा ने इन्हें फिर से खोल दिया। दिल्ली सरकार ने घोषणा कर कहा कि एक जून से इसकी सीमाएं एक हफ्ते के लिए सील की जा रही हैं।

लोकल सर्किल ने बयान जारी कर कहा कि राजधानी दिल्ली से लगते क्षेत्रों की सीमाओं को क्या पुन: खोल देना चाहिए, इस सवाल के साथ सिटी लेवल पर लोकल सर्किल ने दिल्ली-एनसीआर में एक सर्वे किया।

बयान मे कहा गया कि दिल्ली के लोगों से जब पूछा गया कि क्या नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद से लगती सीमाएं फिर खोल दी जाएं? 66 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि 31 प्रतिशत ने नहीं कहा।

गौरतलब है कि दिल्ली में जहां कोविड-19 संक्रमण के 20 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं, वहीं नोएडा और गाजियाबाद में मिलाकर यह आंकड़ा 750 के आसपास है।

लोकल सर्किल ने कहा कि गाजियाबाद में 52 प्रतिशत लोगों ने सीमाएं खोलने को लेकर ऐतराज जताया, जबकि 48 प्रतिशत ने कहा सीमाएं खोली जाएं। वहीं, गौतमबुद्धनगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) के 65 प्रतिशत निवासियों ने कहा कि हां बॉर्डर खुलें, जबकि 34 प्रतिशत ने इससे इनकार किया। जब फरीदाबाद के निवासियों से यही प्रश्न किए गए तो वहां 54 प्रतिशत ने हां और 38 प्रतिशत ने नहीं में उत्तर दिया।

बयान में आगे कहा गया कि जब गुरुग्राम के लोगों से भी इस बाबत पूछा गया, तो वहां 50 प्रतिशत ने कहा कि हां सीमाओं को फिर से खोल देना चाहिए, जबकि 48 प्रतिशत ने कहा कि नहीं सीमाओं को नहीं खोला जाना चाहिए।

सीमा सील होने से बढ़ी कारोबारियों की परेशानी

नई दिल्ली। अनलॉक-वन में देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों के औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियां खुलने लगी हैं, लेकिन सीमाएं सील होने की वजह से फैक्ट्रियों में काम करने वाले मैनेजर और कर्मचारी काम पर नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे कारोबारियों की परेशानी कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।

दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों का कामकामज प्रभावित है। कारोबारी बताते हैं कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच जब तक निर्बाध आवागमन चालू नहीं होगा, तब तक फैक्ट्रियों में कामकाज सुचारू होना मुश्किल है। गाजियाबाद स्थित ट्रॉनिका सिटी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.एस कलसी ने बताया कि ट्रॉनिका सिटी में करीब 700 फैक्ट्रियां हैं और काफी फैक्ट्रियां खुल गई हैं, लेकिन सीमा सील होने की वजह से कर्मचारी, मैनेजर फैक्ट्री नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-पास नहीं होने पर फैक्ट्री के मालिक भी अपनी फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

यह हाल न सिर्फ गाजियाबाद का है, बल्कि दिल्ली के फैक्ट्री मालिक भी बॉर्डर सील होने से परेशान हैं। इनकी परेशानी का सबब यह है कि दिल्ली की सीमा से बाहर एनसीआर क्षेत्र से मजदूर, कारीगर, तकनीशियन व अन्य कर्मचारी फैक्ट्री नहीं पहुंच पा रहे हैं। यही नहीं, दिल्ली के बाहर के ऑर्डर भी इनको नहीं मिल रहे हैं।

बवाना फैक्ट्रीज वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन लांबा ने बताया कि दिल्ली की सीमा सील होने के कारण हरियाणा से आने वाले कागरीगर, तकनीशियन नहीं आ पा रहे हैं और न ही कोई ऑर्डर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ लोकल मजदूर या कारीगर आ रहे हैं। लांबा ने कहा कि एक तो प्रवासी मजदूरों के पलायन से कामकाज प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर एनसीआर में निर्बाध आवागमन नहीं होने की वजह से कारोबार पटरी पर लौटने की जो आस जगी थी, वह धूमिल हो गई है।

दिल्ली के मायापुरी इंडस्ट्रियल वैलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नीरज सहगल ने कहा कि लॉकडाउन खुलने की प्रक्रिया आरंभ होने से उम्मीद तो है कि कारोबार पटरी पर आएगी, लेकिन इस समय दिल्ली की सीमाएं सील होने से जल्द कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद नहीं दिखती है। नीरज शहगल ने कहा कि कर्मचारियों के आने-जाने में ही नहीं माल की ढुलाई में भी परेशानी आ रही है।

ग्रेटर नोएडा के एक कारोबारी ने बताया कि उन्होंने अपने कुछ कर्मचारियों को दिल्ली से आने के लिए पास बनवा दिया है, लेकिन सबके लिए पास बनवाना मुश्किल होता है। मतलब पास वालों को आने जाने में कोई परेशानी नहीं है।

यही बात एनसीआर स्थित साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसीडेंट दिनेश मित्तल ने भी कही। उन्होंने बताया कि उनको दिल्ली से साहिबाबाद आने-जाने में व्यक्तिगत रूप से कोई दिक्कत नहीं हुई है। मगर, निजी वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा में प्रवेश के लिए पास की जरूरत होती है। दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद प्रदेश सरकार ने बीते सोमवार को एक सप्ताह के लिए दिल्ली की सीमाएं सील कर दीं, जिससे कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई।

हालांकि, एनसीआर के कारोबारियों की परेशानी जल्द खत्म होने वाली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में एक कॉमन पास के विकल्प पर विचार करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को एक सप्ताह का समय दिया है।

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