बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चार और डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें तीन गायनी और एक पीडियाट्रिक का डॉक्टर है। इनकी जांच मंगलवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई है। इसकी पुष्टि सीएमओ डॉ श्रीकांत तिवारी ने की है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद से जिले में मरीजों की संख्या 144 हो गई है। इनमें एक्टिव केस 91 है। जबकि 51 ठीक होकर घर जा चुके है। इसके अलावा आठ की मौत हो चुकी है। बताया कि इससे पूर्व बीआरडी के दो जूनियर और एक सीनियर डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। जिनका इलाज मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में चल रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अब तक सात डाक्टर संक्रमित हो चुके हैं।
डॉक्टरों में संक्रमण की पुष्टि से सहमीं बीआरडी की नर्सें, बोलीं- हमारी भी कोरोना जांच कराएं
बीआरडी मेडिकल कालेज में दो विभाग के तीन डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने के बाद नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ सहम गए हैं। सोमवार को नर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ ने अपनी कोरोना जांच कराने की मांग की। बीआरडी प्रशासन के आला अधिकारियों ने आनाकानी की। जिसके बाद नर्सें प्रदर्शन कर हंगामा करने लगीं। प्राचार्य के आश्वासन पर नर्सें मानीं और काम पर लौट गईं।
बीआरडी मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग में शनिवार को एक जूनियर डॉक्टर व सोमवार को एक सीनियर डॉक्टर पॉजिटिव मिले। रविवार को गायनिक विभाग की एक जूनियर डॉक्टर में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। सोमवार को एनेस्थीसिया के सीनियर डॉक्टर के संक्रमित होने की सूचना मिलने के बाद नर्स व पैरामेडिकल कर्मियों के माथे पर पसीना आ गया। गायनिक विभाग की ओटी, ओपीडी, लेबर रूम, वार्ड के साथ ही ट्रामा सेंटर, जनरल सर्जरी, ईएनटी, आर्थो, नेत्ररोग विभाग के कर्मचारियों ने अपनी-अपनी कोरोना जांच कराने की मांग शुरू कर दी।
सोमवार को सुबह लगभग 10:30 बजे दर्जनों कर्मचारी एकजुट होकर मैट्रन के पास पहुंचे। मैट्रन ने नर्सों को अर्दब में लेने की कोशिश की। इसके बाद नर्सें भड़क गईं। वह एसआईसी कार्यालय पहुंच गईं और हंगामा करने लगीं। विवाद बढ़ता देखकर मैट्रन व एसआईसी अपना-अपना कार्यलय छोड़कर हट गए।
हमारी भी कराओ जांच
कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग ड्यूटी कर रहे हैं। इस दौरान संक्रमित जूनियर डॉक्टरों के संपर्क में आए हैं। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर भी गए थे। सतर्कता के लिए हमारी कोरोना जांच आवश्यक है। जांच को लेकर एसआईसी व मैट्रन कोई आश्वासन नहीं दे सके।
प्राचार्य कार्यालय पहुंचे कर्मचारी
एसआईसी की लाचारगी देखकर कर्मचारी प्राचार्य कार्यालय पहुंच गए। नर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ वहां हंगामा करने लगे। कर्मचारियों ने प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार से मुलाकात की। प्राचार्य ने रोजाना 25 कर्मचारियों की जांच कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी काम पर लौटे।