बिहार में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में कोरोना टेस्टिंग की रफ़्तार पहले से काफी तेज हुई है. लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एंटीजन टेस्ट पर सवाल खड़े किये हैं. दरअसल नीतीश सरकार के अफसरों ने ही लोजपा अध्यक्ष के सामने ये बात कही कि एंटीजन टेस्ट की तुलना में RT-PCR जांच की कमी है.

लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान बिहार में घूम-घूमकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं. चिराग पासवान रविवार को अपने संसदीय इलाके में पहुंचे थे. जहां उन्होंने शेखपुरा और जमुई जिले के सिविल सर्जन से मुलाकात कर कोरोना की टेस्टिंग के बारे में पता लगाया. इस दौरान दोनों सिविल सर्जन ने कोरोना टेस्ट को लेकर कुछ अच्छा फीडबैक नहीं दिया. चिराग पासवान को उन्होंने बताया कि जिले में एंटीजन टेस्ट की तुलना में RT-PCR से जांच कम हो रही है.

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लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से वीट कर लिखा गया है कि “बिहार- शेखपुरा में स्थानीय और पार्टी नेताओं के साथ लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शेखपुरा सिवल सर्जन से शेखपुरा में कोरोना के टेस्टिंग रेट पर बात की. सिवल सर्जन ने बताया की RAPID ANTIGEN TEST की तुलना में RT-PCR टेस्ट बेहद कम हो रहा है.”

चिराग पासवान के के ये पूछने पर कि आखिर टेस्ट कम क्यों हो रहा है. इसपर अधिकारियों ने कहा कि RT-PCR की कमी है. ICMR के नियम के अनुसार RT-PCR टेस्ट GOLD STANDARD टेस्ट है. ICMR द्वारा दिए गए नियमों के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen test) सिर्फ़ कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले नागरिकों के लिए है. Rapid Antigen टेस्ट से रिपोर्ट नेगेटिव आने पर RT-PCR टेस्ट करवाना होगा. बिहार में RT-PCR टेस्ट मात्र 10% ही हो रहा है, जो बेहद चिंता की बात है. ऐसे में रैपिड एंटीजन से जिन लोगों का टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ रहा है, उन्हें सचेत रहना चाहिए और जल्द RT-PCR टेस्ट करवाना चाहिए.