कोरोना वायरस से लड़ रही दुनिया के लिए राहत भरी खबर है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। ब्रिटिश स्वीडिश फार्मास्युटिकल कंपनी आस्ट्राजेनेका का दावा है कि वैक्सीन के परिणाम इतने उत्साहजनक हैं कि उन्होंने इसका उत्पादन भी शुरू कर दिया है। पुणे में भी एक अरब लोगों के लिए वैक्सीन बनाई जाएगी, जिसे दुनिया के गरीब मुल्कों में भेजा जाएगा।

कंपनी के सीईओ पास्कल सोरियोट ने शुक्रवार को कहा कि हमें उम्मीद है कि वैक्सीन का अंतिम परिणाम भी बेहतर आएगा। इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन बना रहे हैं ताकि अंतिम परीक्षण के बाद जल्द से जल्द लोगों तक इसे पहुंचा सकें। संभवत: अगस्त तक वैक्सीन के सारे परीक्षण हो जाएंगे, इसलिए सितंबर में हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन होनी चाहिए।

पास्कल सोरियोट ने कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति के लिए वह जल्द ही पुणे स्थित सेरम इंस्टिट्यूट के साथ करार करने जा रहे हैं। दोनों कंपनियां मिलकर एक अरब कोरोना वैक्सीन भारत समेत कम आय वाले देशों में पहुंचाएंगी। इनमें से 40 करोड़ वैक्सीन की 2020 के अंत तक आपूर्ति करने का लक्ष्य तय किया गया है। आस्ट्राजेनेका दो और कंपनियों कोऑलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेरेडनेस इनोवेशन, गावी द वैक्सीन एलायंस के साथ करार करने जा रही है ताकि 30 करोड़ वैक्सीन की खरीद और वितरण किया जा सके।

वैक्सीन निर्माण में सबसे आगे : दुनिया में 100 से ज्यादा संस्थान कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सबसे आगे है। वैज्ञानिकों ने पहले चरण में अप्रैल में 100 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया था जो कामयाब रहा था। अब 10,000 व्यस्कों पर दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण शुरू किया गया है। ब्राजील समेत कई देशों में परीक्षण किए जाएंगे।

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