कोरोना से निपटने के लिए टेस्टिंग सबसे बड़ा हथियार है। सरकार का दावा है कि भारत में प्रतिदिन तीन लाख टेस्ट करने की क्षमता है लेकिन आंकड़ों को देखें तो कई राज्यों में टेस्टिंग काफी कम हो रही है। प्रति दस लाख लोगों पर सबसे ज्यादा परीक्षण लद्दाख और गोवा में किया जा रहा है जबकि यूपी-बिहार जैसे कई बड़े राज्य काफी पीछे हैं।

नतीजे ज्यादा अहम
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, अब तक देश में 60.84 लाख लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। मंगलवार को 163187 लोगों का परीक्षण किया गया,जो एक दिन में सर्वाधिक है। इसमें 10974 मरीजों की पुष्टि हुई, इस हिसाब से देखें तो प्रति 100 टेस्ट पर करीब सात मरीज मिल रहे हैं। लेकिन दिल्ली-महाराष्ट्र और गुजरात जैसे कई राज्यों में यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। राज्यों से मिले आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र में प्रति 100 जांच पर 23 मरीज मिल रहे हैं जबकि दिल्ली में 30, गुजरात में 15, हरियाणा में 15 और तमिलनाडु में आठ संक्रमित पाए जा रहे हैं। यूपी में मरीज मिलने का औसत 2.63, बिहार में 3.50 जबकि उत्तराखंड में 7.48 है। यूपी-बिहार को छोड़ दें तो बाकी राज्यों के नतीजे चिंता जरूर पैदा करते हैं।

अहम तथ्य
– कम जांच में ज्यादा मरीज मिलने लगें तो टेस्टिंग बढ़ाना जरूरी, दिल्ली-महाराष्ट्र, हरियाणा में यही हाल
– तमिलनाडु सभी राज्यों में सबसे ज्यादा टेस्ट कर रहा लेकिन पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा, यहां टेस्टिंग बढ़ानी होगी
– दिल्ली में कल से एंटीजन टेस्टिंग शुरू होगी। इसके बाद आंकड़े बढ़ेंगे
– यूपी-बिहार और झारखंड में प्रति 100 टेस्ट मरीज मिलने की आंकड़ा है, लेकिन  यहां भी टेस्ट संख्या बढ़ानी होगी

प्रति 10 लाख लोगों पर कहां कितनी जांच

आबादी के हिसाब से यहां कम जांच
यूपी     2079
बिहार     1094
झारखंड     2963
मध्य प्रदेश     3210
पश्चिम बंगाल     3630
छत्तीसगढ़     3832
उत्तराखंड     4297
गुजरात     4362
महाराष्ट्र     5620
पंजाब     6638
स्रोत: इंडियाकोविड-19ट्रैकर (आंकड़े-16 जून तक)

औसत से ज्यादा जांच करने वाले राज्य
लद्दाख    29375
गोवा    28817
जम्मू-कश्मीर    20918
दिल्ली    15367
त्रिपुरा     12327
आंध्र प्रदेश    11460
अरुणाचल प्रदेश    10743
तमिलनाडु     9885
मणिपुर     8527
राजस्थान     8055
स्रोत : इंडियाकोविड-19ट्रैकर (आंकड़े-16 जून तक)

देश में मरने वालों की संख्या अचानक बढ़ी

कोरोना वायरस से देश में मरने वालों की संख्या बुधवार को अचानक बढ़ी और कुल आंकड़ा 11,903 तक पहुंच गया। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन आठ देशों में शामिल हो गया है जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। बीते एक हफ्ते में भारत में मरने की वृद्धि दर अन्य देशों के मुकाबले सबसे तेजी से बढ़ी है।

करीब 50 फीसदी जिलों में मौतें : 
देश में 367 यानी करीब 50 फीसदी जिले ऐसे हैं जहां कोरोना की वजह से किसी न किसी ने जान गंवाई है। मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, ठाणे, पुणे, इंदौर,कोलकाता, औरंगाबाद, सोलापुर और जलगांव में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 83 फीसदी लोग सिर्फ पांच राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। मरने वालों की संख्या हरियाणा में 162 फीसदी, दिल्ली में 103 फीसदी, तमिलनाडु में 72 और महाराष्ट्र में 68 फीसदी बढ़ी है।
एक हफ्ते में 53.7 फीसदी का उछाल भारत 53.7% मैक्सिको 25.1% पेरू 23.1% रूस 18.8% ब्राजील 18.4% ईरान 7.2% कनाडा 6.2% अमेरिका 4.6% स्वीडन 4.2% ब्रिटेन 2.8% स्रोत : जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी

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