7 साल नौकरी करने के बाद सौरभ हाल ही में बीमारी के कारण सेना छोड़ चुका था। उस पर आरोप हैं कि उसने सेना की संवेदनशील जानकारी पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराई।

हापुड़
पूर्व फौजी सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी से बिहूनी गांव के लोग शर्मिंदा हैं। एटीएस लखनऊ की टीम ने सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को देने के आरोप में उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर यह कार्रवाई हुई थी। गांव के प्रधान मेजर (रिटायर्ड) भीष्म त्यागी ने कहा कि सौरभ ने देश के साथ गद्दारी कर पूरे गांव को शर्मिंदा किया है। गद्दार से अब गांव का कोई भी व्यक्ति नाता नहीं रखेगा।

वहीं बेटे पर लगे आरोपों पर मधु शर्मा को यकीन नहीं है। मधु ने कहा कि उनका परिवार पहले से ही देश की सेवा करता आ रहा है। सौरभ के दादा यूपी पुलिस में थे। 2013 में सौरभ सेना में भर्ती हुआ था। किडनी की बीमारी की वजह से करीब 7 साल नौकरी कर सौरभ घर लौट आया। एटीएस का आरोप है कि सौरभ ने फेसबुक पर पाकिस्तानी महिला के संपर्क में आकर कई सूचनाएं दीं। महिला ने खुद को डिफेंस जर्नलिस्ट बताया था।

बैंक खाते में दिखा संदिग्ध ट्रांजैक्शन
वहीं सूत्रों का कहना है कि नौकरी छोड़ने के बाद सेना के आला अधिकारियों ने सौरभ के बैंक खातों की जांच की तो कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन दिखा। इसके बाद सौरभ पर नजर रखना शुरू किया गया। 15 दिन पहले दिसंबर 2020 में एटीएस उसे उठाकर ले गई थी। तब पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। गुरुवार देर शाम मेरठ की एटीएस टीम सौरभ के हापुड़ स्थित गांव आई और यहां से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

एटीएस के मुताबिक सौरभ पाकिस्तान व अन्य देशों को महत्वपूर्ण व गोपनीय जानकारी लीक करता था। सौरभ के खिलाफ लखनऊ के एटीएस थाने में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है। वहीं शुक्रवार सुबह गांव में जैसे ही सौरभ को एटीएस की ओर से उठाने की खबर फैली, गांववालों की भीड़ उसके घर के बाहर लग गई।

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