A medical worker wearing protective gear takes a rest as he waits for ambulances carrying patients infected with the COVID-19 coronavirus at an entrance of a hospital in Daegu on February 23, 2020. - South Korea raised its alert on the coronavirus to the highest level on February 23 after reporting three more deaths and 169 new infections. The country has seen a rapid surge in the number of coronavirus cases since a cluster of infections emerged from a religious sect in the southern city of Daegu. (Photo by - / YONHAP / AFP) / - South Korea OUT / REPUBLIC OF KOREA OUT NO ARCHIVES RESTRICTED TO SUBSCRIPTION USE (Photo by -/YONHAP/AFP via Getty Images)

नये आंकड़ों के साथ ही अमेरिका अब कोरोना से प्रभावित दुनिया का सबसे बड़ा देश है. अमेरिका में अब इटली से 15000 और चीन से 20000 हजार ज्यादा मामले हैं. हालांकि इटली के मुकाबले अमेरिका में मृत्यु दर कम है. कोरोना वायरस इटली और स्पेन में तो कहर बरपाने के बाद अब अमेरिका में विनाशक बन गया है. अमेरिका में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की चपेट में आकर 345 लोगों की मौत हो गई है, जबकि यहां 18000 नये मामले सामने आए हैं. इस लिहाज से अमेरिका में हर मिनट में लगभग 13 कोरोना के नये मरीज सामने आ रहे हैं.

इसी के साथ अमेरिका में कोरोना से संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 100000 पार कर गई है. इसी के साथ ही अमेरिका ने कोरोना केस के मामले में चीन, इटली और स्पेन को पीछे छोड़ दिया है.

8000 कोरोना वायरस के नये मामलों की पुष्टि हुई है. जबकि यहां 345 लोगों की मौत 24 घंटे में हुई है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी का ही ट्रैकर बताता है कि अमेरिका में अब दुनिया के सबसे ज्यादा ज्ञात कोरोना वायरस के मरीज हैं. इस ट्रैकर के मुताबिक अमेरिका में ताजा आंकड़ों के मुताबिक 1,04,007 कोरोना के मरीज हैं. जबकि यहां अबतक 1693 लोगों की मौत हो चुकी है.

अमेरिकाका कभी न सोने वाला शहर न्यूयॉर्क इन दिनों कोरोना का केंद्र बन गया है. यहां पर कोरोना के सबसे ज्यादा केस हैं. एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका के आधे से ज्यादा कोरोना पेशेंट न्यूयॉर्क में हैं. न्यूयॉर्क में अबतक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इन आंकड़ों के साथ ही अमेरिका अब कोरोना से प्रभावित दुनिया का सबसे बड़ा देश है. अमेरिका में अब इटली से 15000 और चीन से 20000 हजार ज्यादा मामले हैं. हालांकि इटली के मुकाबले अमेरिका में मृत्यु दर कम है.

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के इस शहर में भी अब इटली जैसी स्थिति पैदा हो रही है. अस्पताल में बेड की कमी है. मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के पास सुरक्षा उपकरण और वेंटिलेटर की किल्लत पैदा हो रही है. हॉर्वर्ड में हेल्थ पॉलिसी के प्रोफेसर थॉमस साई ने कहा कि यहां केस लगातार बढ़ रहे हैं, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है. आईसीयू में लोग बढ़ते जा रहे हैं, वेंटिलेटरों की जरूरत लगातार बढ़ रही है. अमेरिकी प्रशासन ने इन चुनौतियों के बीच कोरोना से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी है.

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