5 दिन से ‘गंभीर’ श्रेणी में दिल्ली की हवा, पराली का धुआं जिम्मेदार

दिल्ली के आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 472 के साथ  हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में है। राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार 5 दिन से गम्भीर की श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली का जो सूचकांक लगातार 400 से अधिक बना हुआ है, जिसे गम्भीर की श्रेणी में रखा जाता है। उसमें पराली के धुंए के साथ ही धूल कण तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन गैसों की मौजूदगी भी दिल्ली की हवा जहरीली बना रही हैं।

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा दोगुने से अधिक पर दर्ज दिल्ली के वायु मंडल में धूल, धुएं के साथ ही नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मौजूदगी भी दिल्ली भी हवा को दमघोंटू बना रही है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) के आंकड़ों के मुताबिक रविवार को कई स्टेशनों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा दोगुने से अधिक पर दर्ज की गई है। नेहरू नगर में रविवार दोपहर को नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर 185 एमजी पर दर्ज किया गया है। डीपीसीसी के मुताबिक यह 80 से अधिक नहीँ होना चाहिए।

Delhi: Air Quality Index at 472 in the ‘severe’ category at ITO as the national capital witnesses heavy smog pic.twitter.com/ApAD7bSobV

— ANI (@ANI) November 9, 2020

दिल्ली की हवा में शनिवार की तुलना में रविवार को पराली के धुंए की हिस्सेदारी बढ़ी है। पृथ्वी मंत्रालय के प्रदूषण निगरानी संस्थान सफर के मुताबिक दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की 3780 मामले दर्ज किए गए हैं। इस वजह से पराली के धुएं की हिस्सेदारी 32 फीसदी दर्ज की गई है। शनिवार को पराली के धुंए की हिस्सेदारी 29 फीसदी दर्ज की गई है। जिसके चलते रविवार शाम बजे को पीएम 2.5 की मात्रा 306 माइक्रोक्यूबिक घन मीटर दर्ज की गई है। जबकि 250 तक गणना की जाती है।

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