लेबनान की राजधानी बेरूत में सप्ताह की शुरुआत में हुए घातक विस्फोट में पांच भारतीयों को मामूली चोटें आई हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने उक्त जानकारी देते हुए यह भी कहा कि भारत ने लेबनान की सरकार से विस्फोट के कारण हुए नुकसान से संबंधित जानकारी मांगी है जिसके आधार पर देश उसे सहायता उपलब्ध कराएगा।

श्रीवास्तव ने कहा, “हमारे दूतावास ने एक ट्वीट किया था। भारतीय समुदाय के किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है। पांच लोगों को मामूली चोटें आने की सूचना मिली है।” उन्होंने, “हमारा दूतावास समुदाय के लोगों के लिए काम करने वाले संगठनों के संपर्क में है और यथासंभव सहायता उपलब्ध करा रहा है।”

लेबनान में हुए विस्फोट के मामले में 16 व्यक्ति हिरासत में लिये गए

लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा है कि इस सप्ताह हुए विस्फोट के मामले के संबंध में बेरूत के बंदरगाह के 16 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।

‘नेशनल न्यूज एजेंसी’ ने सैन्य अदालत के न्यायाधीश के गवर्नमेंट कमिश्नर फदी अकीकी के हवाले से गुरुवार (6 अगस्त) को कहा कि अभी तक 18 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। ये सभी बंदरगाह और सीमा शुल्क अधिकारी और कर्मचारी हैं। अकीकी ने कहा कि मंगलवार को विस्फोट के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी गई थी और सभी संदिग्धों से पूछताछ की जाएगी।

लेबनान की राजधानी बेरूत में धमाके के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात

लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण धमाके के बाद अब धीरे-धीरे हालत सामान्य हो रहे हैं। सेना के बुल्डोजर सड़क यातायात फिर से शुरु करने के लिये तबाह हो चुके बंदरगाह के मलबे को साफ करने में जुटे हैं। इससे पहले बुधवार को सरकार ने धमाके की जांच कराने का वादा करते हुए बंदरगाह के अधिकारियों को घर में नजरबंद कर दिया।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों के गुरुवार को लेबनान पहुंचने की उम्मीद है। पहले ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को इस धमाके ने झकझोर कर रख दिया है। अब वह फिर से खड़ा होने के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से मदद की उम्मीद कर रहा है।

बेरूत के गवर्नर मरवान अबूद ने बुधवार को सऊदी अरब द्वारा संचालित टीवी स्टेशन अल-हदस को बताया कि इस धमाके से लगभग 10 से 15 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं। कोरोना वायरस के चलते देश के अधिकतर अस्पताल पहले ही रोगियों से खचाखच भरे हैं। ऐसे में धमाके में घायल हुए लोगों के इलाज में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।