कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए रेलवे ने अहम भूमिका निभाई। रेलवे बोर्ड के चेयरमेन ने कहा कि करीब 2600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें विभिन्न राज्यों में चलाई गई और 26 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनके घर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी ट्रेनें यूपी और बिहार के लिए चली। उन्होंने कहा कि 20 मई से 4 लाख लोगों ने अब तक यात्रा की हैं।

रेलवे की तरफ से पहले से ही देशभर में कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं और 15 जोड़ी स्पेशल पैसेंजर्स ट्रेनें दिल्ली से 15 अलग जगहों के लिए चल रही हैं।

हालांकि, रेल मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि वे 1 जून से करीब 200 ट्रेन शुरू करने जा रहे हैं, जिसकी बुकिंग 21 मई से शुरू कर दी गई। इन सभी चीजों के बावजूद भारतीय रेलवे को पटरी पर लाने के लिए और अधिक घोषणाएं की जा सकती है।

इससे पहले, रेलवे ने टिकट को आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अलावा टिकट काउंटरों बुक करने की सुविधा दे दी। पहले केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही बुकिंग की सुविधा दी गई गई थी। इन ट्रेनों की टिकट की बुकिंग अब कम्प्यूटराइज्ड पीआरएस केन्द्रों, डाकघरों, यात्री टिकट सुविधा केन्द्रों के साथ-साथ आईआरसीटीसी के मान्यता प्राप्त एजेंटों और सामान्य सेवा केन्द्रों से भी कराई जा सकती है। भारतीय रेल ने कहा है, इन ट्रेनों में अग्रिम सीटें आरक्षित कराने की अवधि सात दिन से बढ़ाकर 30 दिन कर दी गई है।

22 मई से चुनिंदा स्टेशनों पर टिकट आरक्षण काउंटर खोल दिया गया है। ये बुकिंग काउंटर और सीएससी 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से बंद थे। रेल मंत्री पीयूष गोयल की घोषणा के बाद पूरे देश में लगभग 1.7 लाख सीएससी सेंटरों पर ट्रेन टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से शुरू हो गई।

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