मध्य प्रदेश के बालाघाट में एक पिता ने अपने बेटे की इस लिए हत्या कर दी कि वह क्वॉरनटीन पूरा किए बिना अपने घर आना चाहता था. बेटा हैदराबाद से लौटा था इसलिए पिता को डर था कि उस के कारण गांव और घर में संक्रमण ना फैल जाए. पिता ने बेटे को घर आने से मना किया और जब बेटा नहीं माना तो पिता ने उस की लट्ठ से पीटकर हत्या कर दी.

बालाघाट के गढ़ी में टेकचंद नामक युवक की हत्या, देश में अपने तरह का पहला मामला है जिसमें एक पिता ने अपने ही बेटे की हत्या इस डर से कर दी कि वह हैदराबाद जैसे रेड जोन से लौटा है और उस के घर आने से कोरोना फैल सकता है. बेटे की हत्या के बाद आरोपी पिता को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

मृतक के भाई रूप चंद ने बताया कि मेरा भाई फरवरी माह में मजदूरी करने सिकंदराबाद गया था. लॉकडाउन लागू होने के बाद ये अपने साथी मजदूरों के साथ एक सप्ताह पहले पैदल ही वहां से रवाना हुए. 1 मई को वह तहसील बैहर पहुंचा जहां पर इन्हें एक दिन के लिए क्वॉरनटीन में रखा गया फिर ग्राम पंचायत कुगांव में दो दिन रखा गया. तीसरे दिन सभी को होम क्वॉरनटीन होने का कहकर घर भेज दिया गया.

भाई ने आगे बताते हुए कहा कि 3 मई को जब टेकचंद घर आया तो पिता भीमालाल ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते उसे यह कहकर घर में नहीं आने दिया कि तुम अभी कुछ दिन और गांव के क्वॉरनटीन सेंटर में रहो. इसी बात पर दोनों में विवाद हो गया जिस पर पिता ने लट्ठ से मेरे छोटे भाई टेकचंद के सिर पर तीन-चार वार कर दिया जिससे टेकचंद बुरी तरह घायल हो गया था. उसे बैहर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई.

बैहर एएसपी श्याम कुमार मेरावी ने बताया कि बेटा हैदराबाद से लौटा तो बाप-बेटे में विवाद हो गया. पिता ने बेटे के सिर पर जानवर बांधने की खूंटे से दो-तीन वार किए जिससे बेटे की मौत हो गई. हमने पिता पर हत्या का मामला दर्ज कर पिता को गिरफ्तार कर लिया है.

देश के ग्रामीण क्षेत्र में बीमारी से बड़ा बीमारी का डर लग रहा है. पिता के हाथों बेटे की हत्या इस बात का ही उदाहरण है जिसमें अपने कलेजे के टुकड़े की हत्या सिर्फ इस डर में कर दी कि कहीं उस के वापसी अपनों की मौत का कारण ना बन जाए. पुलिस ने मामले की जानकारी मिलते ही अपराध कायम कर हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है.

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