प्रधानमंत्री के 'आत्म निर्भर भारत अभियान' से चहका ऑटो सेक्टर, ‘मेक इन इंडिया’ को बताया मजबूत स्तंभ

20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक राहत पैकेज समय की जरूरत है और इसका स्वागत है। इससे पहले से परेशानी में जूझ रहे कई सेक्टर्स और उद्योग, खासकर एमएसएमई को बहुत राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी के अब तक के सबसे बड़े एतिहासिक 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज के एलान का ऑटो सेक्टर ने स्वागत किया है। लॉकडाउन के चलते इस समय पूरी ऑटो इंडस्ट्री खस्ता हालत में है, अप्रैल का महीना कंपनियों के लिए जीरो बिक्री का रहा है, ऐसे में इस राहत पैकेज से उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। ऑटो सेक्टर के ये राहत पैकेज इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ऑटो कंपोनेंट सेक्टर में 80 फीसदी कंपनियां एमएसएमई हैं।

मांग में होगी बढ़ोतरी
ऑटो सेक्टर को उम्मीद है कि इस पैकेज से न केवल अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी, साथ ही टूव्हीलर्स और कॉम्पैक्ट व्हीकल्स में बड़ा बदलाव आएगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर के संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने आर्थिक पैकेज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे एक बार फिर हमारी अर्थव्यवस्था की मांग में बढ़ोतरी होगी। वहीं भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर देश की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का मजबूत स्तंभ है और देश की जीडीपी और रोजगार में अहम भूमिका निभाता है और अप्रत्यक्ष आपूर्ति श्रंखला पर भरोसा करता है। वढेरा ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री की तरफ से देश के ऑटो सेक्टर को मजबूत करने के लिए एक फोकस्ड राहत पैकेज की घोषणा करेंगी।

दे रहा है लाखों नौकरियां   
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी फाडा के अध्यक्ष आशीष काले ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पहले से ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन और बिक्री के स्तर पर लाखों नौकरियां दे रहा है। हालांकि उन्हें अभी इंतजार है कि किस सेक्टर को कितनी राशि मिलेगी, लेकिन 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज निसंदेह सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

कमर्शियल व्हीकल्स सेक्टर होगा मजबूत
वहीं अशोक लेलैंड के सीईओ और प्रबंध निदेशक विपिन सोंधी का कहना है कि प्रधानमंत्री की घोषणा से ने केवल ऑटो सेक्टर में नई उम्मीदें जगी हैं, साथ ही सकारात्मक माहौल भी बना है। उन्होंने कहा कि जीडीपी के 10 फीसदी का राहत पैकेज अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर्स के उपयोगी साबित होगा, इससे कमर्शियल व्हीकल्स उद्योग एक बार फिर अर्थव्यवस्था के साथ मजबूती से आगे बढ़ेगा।

हम वायरस के बंधक नहीं
महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी और सीईओ पवन गोएंका ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण में 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के अलावा मुझे दो बातें और अच्छी लगीं, पहली हम वायरस के बंधक नहीं हो सकते हैं और यह हमारी जिंदगी के साथ चलेगा। दूसरी वोकल फॉर लोकल अभियान के जरिए स्थानीय उत्पादों की खरीद को बढ़ावा देना। वहीं इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और कानूनों पर जोर होगा।

कानूनों में सुधार करने की आवश्यकता
(ACMA)  के अध्यक्ष दीपक जैन का कहना है कि 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक राहत पैकेज समय की जरूरत है और इसका स्वागत है। इससे पहले से परेशानी में जूझ रहे कई सेक्टर्स और उद्योग, खासकर एमएसएमई को बहुत राहत मिलेगी। क्यों कि ऑटो सेक्टर की कई कंपनियां एमएसएमई में आती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत को ग्लोबल इकोनॉमी बनने के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और कानूनों में सुधार करने की आवश्यकता है।

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