हरियाणा के मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में अधिकाधिक विद्यार्थियों को शिक्षक उपलब्ध कराने के लिए जेबीटी, टीजीटी/सीएंडवी अध्यापकों की तैनाती को तर्कसंगत बनाने का फैसला लिया है। इस सम्बंध में समस्त जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से 31 मई तक शिक्षकों का विवरण मांगा गया है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत 30 सितम्बर 2019 को स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्यानुसार जेबीटी, टीजीटी/सीएंडवी अध्यापकों की तैनाती को तंकसंगत किया जाना है। इस प्रक्रिया में स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों की गणना में सर्वप्रथम कनिष्ठ अतिथि अध्यापक को सरप्लस माना जाएगा। यदि अतिथि अध्यापक/नियमित अध्यापक 70 प्रतिशत विकलांग विधवा या तलाकशुदा है तो उसके विकलांगता/श्रेणी को इस प्रक्रिया के दौरान अवश्य ध्यान में रखा जाएगा।

प्रवक्ता के अनुसार यदि जिले में सभी जेबीटी अतिथि अध्यापक सरप्लस हैं तो उस स्थिति में सभी जेबीटी अतिथि अध्यापकों को सरप्लस घोषित किया जाएगा तथा उन्हें अन्य जिले में निर्धारित नीति के तहत समायोजित किया जाएगा।

यदि किसी स्कूल में अतिथि जेबीटी, टीजीटी/सीएंडवी अध्यापक कार्यरत नहीं है तो उस स्थिति में उस नियमित जेबीटी, टीजीटी/सीएंडवी अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा, जिसका उस स्कूल में ठहराव सबसे अधिक है। किसी भी मुख्य शिक्षक/मौलिक मुख्य अध्यापक को सरप्लस नहीं माना जाएगा तथा अन्य अध्यापक जिसकी सेवानिवृत्ति होने में एक वर्ष या एक वर्ष से कम अवधि रहती है, उसे सरप्लस नहीं किया जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि मौलिक मुख्य अध्यापक/ टीजीटी/सीएंडवी अध्यापकों के लिए एक दिन में छह पीरियड तथा सप्ताह में 36 पीरियड तक आवंटित किए जाएंगे। विभाग द्वारा जारी निदेर्शों के अनुसार सम्बंधित अधिकारी को सरप्लस शिक्षकों का विवरण निर्धारित प्रोफार्मा में मौलिक शिक्षा विभाग को भेजना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here