यूरोप में अभी कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है, इस बीच वहां के बच्चों में एक नई बीमारी सामने आई है. करीब 12 ब्रिटिश बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हुए है. इनके शरीर में चारों तरफ लाल रंग के चकत्ते निकल आए हैं. बच्चे शॉक में हैं और डॉक्टर परेशान कि आखिर ये बीमारी है क्या? डॉक्टर इसलिए परेशान हैं कि कहीं इस बीमारी का कोरोना वायरस से तो कुछ लेना-देना नहीं है

कुछ डॉक्टरों का मानना है कि यह कावासाकी बीमारी (Kawasaki Disease) की तरह है. या वही है. कावासाकी बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. इसे म्यूकोक्यूटेनियस लिंफ नोड सिंड्रोम (Mucocutaneous Lymph Node Syndrome) भी कहते हैं

इस बीमारी में बच्चों लगातार बुखार रहता है. आंखें लाल हो जाती हैं. गले और जबड़े के आसपास सूजन, दिल की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करतीं, फंटे हुए होंठ, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते या सूखे के निशान, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन और डायरिया

कावासाकी बीमारी की वजह से बच्चे गंभीर डायरिया से पीड़ित हो सकते हैं. यूरोप के नेशनल हेल्थ मिशन ने कहा है कि जिस बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई दें, उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाएं. जांच कराएं और इलाज कराएं. कावासाकी बीमारी को ठीक करने के लिए इंट्रावीनस इम्यूनोग्लोबुलिन एंटीबॉ़डी और एस्पिरिन ही दो दवाएं हैं. बच्चों को देखकर डॉक्टर बोल रहे थे कि बच्चों के बुखार को देख कर ऐसा लगता है कि उनकी नसों में खून नहीं आग बह रही हो

पहली रिपोर्ट यूके से आई. जहां 12 मामले हैं. इसके बाद फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिविर वेरान ने बताया कि उनके देश में भी 15 बच्चे ऐसी ही बीमारी से जूझ रहे हैं. इतना ही नहीं, स्पेन, इटली, स्विट्जरलैंड और अमेरिका से भी ऐसे मामलों की जानकारी मिली है. कावासाकी बीमारी में खून की नसें सूज जाती हैं. उनमें जलन होने लगती है. इसकी वजह से शरीर में कई प्रकार के खतरनाक लक्षण दिखाई देते हैं.

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