राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है। ये टीम जागरूकता फैलाने और जानकारियां पहुंचाने के साथ लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं। बंगाल में दो टीम बैकअप में हैं। उन्होंने कहा कि हम इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं।

प्रधान ने कहा कि हमने अतिरिक्त बैकअप रखा है। एनडीआरएफ की छह बटालियन (11, 9, 1, 10, 4, 5) को इसमें शामिल की हैं। इसमें से 11वीं बटालियन वाराणसी में है, 9वीं पटना में, 1 गुवाहाटी में, 10वीं विजयवाड़ा में, चौथी अरक्कोनम में और 5वीं पुणे में है। उनके पास मिलिट्री एयरपोर्ट है और उन्हें तुरंत लाया जा सकता है। हर बटालियन में चार टीम हैं, ऐसे में हमारे पास 24 अतिरिक्त टीम हैं।

1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में बना सबसे तीव्र चक्रवात
कॉन्फ्रेंस में मौजूद भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, यह दूसरा सुपर साइक्लोन 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में बना सबसे तीव्र चक्रवात है। समुद्र में इसकी हवाओं की रफ्तार इस समय 200 से 240 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच है। यह उत्तर-उत्तरीपश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों की चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। कोलकाता, हुगली, हावड़ा और पश्चिमी मिदनापुर जिलों को 110-120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाओं का सामना करना पड़ेगा, 135 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है।

केरल में मानसून आने में हो सकती है देरी : मौसम विभाग
आईएमडी प्रमुख ने कहा, हम उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण केरल में मानसून के आगमन में थोड़ी देरी की उम्मीद कर रहे हैं। केरल में मानसून पांच जून को आ सकता है।

टेलीकॉम ऑपरेटर अतिरिक्त जेनरेटर की व्यवस्था करें
टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने कहा, टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में जनरेटर्स का इंतजाम कर लें, इसके लिए डीजल की व्यवस्था कर लें और इन्हें हर जिले में पहुंचाएं जिससे कि अगर बिजली सेवा प्रभावित होती है तो इन जेनरेटर्स की सहायता से टॉवर काम कर सकें।

एसएमएस के जरिए लोगों को भेजे जा रहे अलर्ट
प्रकाश ने कहा, प्रभावित जिलों में लोगों को निकालने के लिए एसएमएस के माध्यम से अलर्ट और जानकारियां भेजी जा रही हैं। यह राज्य सरकारों के ऊपर है कि वह किस फ्रीक्वेंसी पर अलर्ट भेजना चाहती हैं। यह मुफ्त है। यह स्थानीय भाषाओं में होंगे। चक्रवात जाने के बाद इंट्रा-सर्कल रोमिंग जारी रहेगी।

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