पाकिस्तान प्रायोजित अल कायदा के मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद यूपी एटीएस भी अलर्ट हो गई है। इस खुलासे से भी स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आतंक के रास्ते पर चलने के लिए उकसाया जा रहा है। इसके बाद एटीएस ने सोशल मीडिया पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। कई संदिग्ध उसके रडार पर भी हैं।
सूत्रों के अनुसार, एटीएस लगातार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के संपर्क में बनी हुई है। हालांकि पकड़े गए आतंकियों का अभी तक कोई यूपी ‘कनेक्शन’ नहीं मिला है। एनआईए ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के छह और दिल्ली के एर्णाकुलम से तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि ये सभी दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमला करने की फिराक में थे।
एनसीआर में यूपी के भी सीमावर्ती जिले आते हैं। इस कारण पश्चिमी यूपी के सीमावर्ती जिलों में इन आतंकियों का ‘कनेक्शन’ होने की संभावना है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां इन जिलों में स्लीपर सेल की मौजूदगी से इनकार नहीं करती हैं। इन्हीं एजेंसियों के इनपुट पर नेपाल सीमा से लगे यूपी के जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के धौलाकुंआ क्षेत्र से ही जिस आतंकी अबू युसूफ को गिरफ्तार किया था, वह बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र का रहने वाला मुस्तकीम था।
एटीएस ने पिछले दिनों बरेली से इनामुलहक और उसके संपर्क में रहे जम्मू-कश्मीर के दो युवाओं को गिरफ्तार किया था। इनामुलहक भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए अलकायदा से अपना संपर्क बनाने में लगा हुआ था। जांच एजेंसियों को इसके पुख्ता साक्ष्य मिल चुके हैं कि पाकिस्तान में स्थित अलकायदा के आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का ही उपयोग करके ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।