कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से पैसेंजर्स के लिए रेल और उड़ान सेवाएं भी ठप हो गई हैं. ऐसे में जाहिर तौर पर लोगों की पहले से की गई प्लानिंग और टिकट भी रद्द हो गए हैं. रेल टिकट पर पैसेंजर्स को रिफंड दिया जा रहा है.

वहीं, एयर टिकट लेने वाले यात्रियों को रिफंड की बजाए अगले 1 साल तक के लिए टिकट बुकिंग की सुविधा दी जा रही है. कहने का मतलब ये है कि आपका एयर टिकट जिस रूट का है या जिस कीमत में है, उसी रूट या कीमत में एक बार सफर कर सकते हैं. यानी एयरलाइन कंपनियां रिफंड रकम नहीं दे रही हैं.

ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जा चुका है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए को नोटिस जारी किया है. आपको बता दें कि एक एनजीओ की ओर से दायर याचिका में कैंसल किए गए एयर टिकटों का पैसा वापस करने का एयरलाइंस को निर्देश देने की मांग की गई है.

प्रवासी लीगल सेल नाम के एनजीओ की याचिका में कहा गया है, ‘एयरलाइन कंपनियों ने कैंसल किए गए टिकटों के फुल रिफंड के एवज में एक साल की वैधता के क्रेडिट शेल देने की बात कही है. यह मई 2008 में डीजीसीए द्वारा जारी सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट का उल्लंघन है.

याचिका के मुताबिक डीजीसीए ने साफ कहा है कि एयरलाइंस कंपनियों द्वारा क्रेडिट शेल में रिफंड अमाउंट डालने का विकल्प ग्राहक का विशेषाधिकार होगा. एयरलाइंस कंपनियां अपनी मर्जी से ऐसा नहीं कर सकती हैं. बता दें कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एनवी रमण, एसके कौल और बीआर गवई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर रहे हैं.

3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद धीरे-धीरे उड़ान सेवाएं शुरू हो सकती हैं. हालांकि, बीते दिनों केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि अभी उड़ान सेवाओं को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. अपने ट्वीट में हरदीप सिंह पुरी ने लिखा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय स्पष्ट करता है कि अभी तक घरेलू या अंतरराष्ट्रीय परिचालन खोलने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

अपने ट्वीट में उन्होंने आगे यह भी लिखा है कि एयरलाइंस को सलाह दी जाती है कि वे सरकार द्वारा इस संबंध में निर्णय लेने के बाद ही अपनी बुकिंग खोलें. दरअसल, कुछ विमानन कंपनियों द्वारा 4 मई के आगे के फ्लाइट टिकट की बुकिंग शुरू कर दी थी. इसी के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी का स्पष्टीकरण आया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here