बाबरी मस्जिद मामले में फैसला आते ही लालकृष्ण आडवाणी ने लगाया ‘जय श्री राम’ का नारा, बोले- राम मंदिर निर्माण के पूरे होने का इंतजार

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बुधवार को सभी 32 आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए फैसले का स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब उन्हें अयोध्या में हो रहे राम मंदिर के निर्माण के पूरे होने का इंतजार है।

विशेष अदालत के फैसले के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ”हम सभी के लिए यह खुशी का पल है, अदालत के आदेश के बाद हमने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया। यह फैसला राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और बीजेपी के विश्वास तथा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” आडवाणी ने कहा कि लाखों देशवासियों के साथ, वे भी अब अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए लालकृष्ण आडवाणी, चंपत राय, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

वहीं, बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले के साथ ही विवाद भी खत्म हो जाना चाहिए। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए जोशी ने कहा, ”अदालत ने एक एतिहासिक निर्णय सुनाया है।”

फैसले पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा, ”मैं समझता हूं कि इसके बाद यह विवाद समाप्त होना चाहिए। सारे देश को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए। इस अवसर पर मैं एक ही बात कहूंगा कि ‘जय जय श्री राम’ और सबको सन्मति दे भगवान।”

फैसले पर VHP ने क्या कहा?

फैसले का स्वागत करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने बुधवार को कहा कि सत्य की विजय हुई है। कोकजे ने कहा, “हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। सत्य की विजय हुई है।” उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को लेकर अदालत का फैसला आने में करीब 28 साल लगे। लेकिन यह बात पहले से स्पष्ट है कि यह घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और देश भर से कारसेवकों को ढांचा गिराने के लिए अयोध्या नहीं बुलाया गया था।

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