बीते गुरुवार की सुबह, नगरोटा के पास बान टोल प्लाजा पर आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें चार आतंकवादी मारे गए, लेकिन यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं थी। यह एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन था। सुरक्षाबलों ने माना है कि इसका उद्देश्य एक बड़ा हमला करना हो सकता था, जिसकी योजना सीमा पार से बनाई गई थी। मामले के जानकारों का कहना है कि मारे गए आतंकियों के पास से मिले जीपीएस डिवाइस और मोबाइल फोन की आधार पर की गई शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि वे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के ऑपरेशनल कमांडरों मुफ्ती रऊफ असगर और कारी ज़ार के संपर्क में थे। इनका उद्देश्य घाटी में कहर बरपाने का था। मुफ्ती असगर जेएम प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र नामित वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है।
संदिग्ध आतंकवादियों के मारे जाने के बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के अलावा कई अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके पाकिस्तान को ‘कड़ा संदेश’ भी दिया। सूत्रों की मानें तो चारों आतंकी मुंबई हमले की बरसी पर बड़ा हमला करने की प्लानिंग कर रहे थे।
नगरोटा एनकाउंटर के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक में अमित शाह, अजीत डोभाल के अलावा, विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया विभाग के अधिकारी शामिल हुए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, नगरोटा एनकाउंटर में ढेर हुए चारों आतंकवादी मुंबई हमले (26/11) की बरसी के मौके पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। समीक्षा बैठक में नगरोटा एनकाउंटर पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया था कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों को मार गिराया जाना और उनके पास बड़ी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी संकेत देती है कि वे तबाही और विनाश को भड़काने वाले थे, लेकिन उनके प्रयासों को एक बार फिर से विफल कर दिया गया।