बिहार में जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, राज्य सरकार ने उनके खाते में भी एक हजार रुपये जमा करने का निर्णय लिया है. करीब एक करोड़ दो लाख राशन कार्डधारियों के खातों में पैसा जमा करने के बाद यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने दावा किया है कि अब तक पिछले एक महीने के दौरान छह हजार करोड़ लोगों के खातों में सीधा पहुंचाया गया है. इसमें सबसे नया था लॉकडाउन में फंसे बाहर के राज्यों में लोगों के खाते में सीधे उनके बैंक अकाउंट में एक हजार रुपये डालना. अभी तक इस योजना के तहत 22 लाख लोगों के आवेदन प्राप्त हुए हैं और 14 लाख लोगों के खातों में 140 करोड़ जमा कराया जा चुका हैं. इसके अलावा एक करोड़ आठ लाख छात्र-छात्राओं को एक मुश्त उनकी छात्रवृति या अन्य स्कीम जैसे- पोशाक, साइकिल का करीब 3102 करोड़ रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं.

नीतीश कुमार ने इसके अलावा कोरोनावायरस (Coronavirus Bihar) के कारण किसी बूढ़े या पेंशनधारियों को दिक्कत ना हो, उनके खाते में तीन महीने का करीब 1017 करोड़ अग्रिम भुगतान किया है. साथ ही पिछले दो महीने में जिन किसानों की फसलों को असमय बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान हुआ, उसके ऐवज में सरकार ने 578 करोड़ से अधिक जमा किया है.

पहली बार राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा विभाग को 250 करोड़ विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों के लिए भोजन या फूड पैकेट बांटने के लिए दिया गया. इसके तहत बिहार के अंदर विभिन्न शहरों में फंसे लोगों के लिए आपदा राहत केंद्र भी चलाया जा रहा हैं, जिसमें 60 हजार से अधिक लोगों के खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. राज्य सरकार का दावा है कि इसके अतिरिक्त कोरोना (COVID-19) के रोकथाम में लगे लोगों चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ को एक महीने का अतिरिक्त वेतन भी देने का निर्णय लिया गया है.

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