विडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से शुक्रवार को राज्यों के विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह ने की. इस सम्मेलन में ऊर्जा प्रक्षेत्र में केन्द्र सरकार के स्तर पर लिए जा रहे महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में विस्तार से बताया गया.

वहीं सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के कारण वितरण कम्पनियों को Liquidity Infusion, नये वितरण सुधार योजना, विद्युत अधिनियम-2003 (संषोधन) विधेयक 2020, आत्मनिर्भर भारतः ऊर्जा प्रक्षेत्र में मेक इन इंडिया, कुसुम योजना, सोलर रूफ टाॅप जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई. इस सम्मेलन में बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने भी भाग लिया और उन्होंने बिहार से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी.

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत अधिनियम 2003 (संषोधन) विधेयक 2020 पर बिहार का पक्ष रखते हुए कहा कि बिहार सरकार प्रस्तावित संषोधन के मुख्य बिन्दुओं से असहमत होते हुए अपना पक्ष लिखित रूप से रख चुकी है. उन्होंने कहा कि संविधान की समवर्ती सूची में शामिल होने के कारण बिजली के विषय पर कानून बनाने से पहले राज्यों की सहमति जरुरी है. सभी राज्यों अपनी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आलोक में व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा प्रक्षेत्र में नीतिगत निर्णय लेती है, इसलिए विद्युत अधिनियम में ऐसा कोई संषोधन नहीं किया जाय जिससे राज्य सरकार की शक्तियां सीमित हो.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार जैसा राज्य वर्तमान टैरिफ नीति के कारण महंगी बिजली खरीदने के लिए विवष है, इसलिए ‘‘एक देश एक टैरिफ’‘ की नीति लागू करना जरुरी है. इसके लिए बिजली दरों की क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि NTPC की सभी उत्पादनरत ईकाईयों से उत्पादित बिजली को केन्द्रीय पूल की बिजली मानकर पूरे देश के लिए एक औसत दर निर्धारित की जा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 43000 से अधिक प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं किन्तु प्रीपेड स्मार्ट मीटर की अनुपलब्धता एक बड़ी चुनौती है.

कोविड-19 संक्रमण के कारण राज्य के वितरण कम्पनियों को निधि की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. लाॅकडाउन के समय घरेलू बिजली का उपयोग अधिक किया गया क्योंकि प्रवासी बिहारी भाई लौटकर अपने घर आये है. इस दौरान हमने निर्बाध बिजली भी दी है.

 

Reformed Linked New Distribution Scheme पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार विद्युत सुधार के मामले में अग्रणी राज्य है. हमने सबसे पहले Tariff Reform किया, जिसे अब पूरे देश में अपनाया जा रहा है. हमारे ही ‘‘हर घर बिजली’’ योजना के तर्ज पर ‘‘सौभाग्य योजना’’ बनायी गयी. उन्होंने कहा कि बिहार ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कम दर पर बिजली देकर देष को खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भर बनाने की दिशा में सहयोग कर रही है, क्योंकि बिहार सहित पूर्वी क्षेत्र में कृषि के विकास की असीम संभावनाएँ भी है. बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है जहां उद्योग पर आधारित उपभोक्ता अपेक्षाकृत अत्यंत कम है, अतः यहां के वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिति भिन्न है. यदि कोई Reform पर राष्ट्रीय नीति बनती है तो उसे बिहार के परिस्थिति को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार वितरण कम्पनियों के निजीकरण के पक्ष में नहीं है.

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