खगड़िया. जिले में बाढ़ (Flood) से एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. ऐसे में बीमार लोगों के इलाज में सबसे अधिक परेशानी हो रही है. हालांकि अब जिला प्रशासन ने इसका हल खोज लिया है. अगर किसी भी बाढ़ पीड़ित को अचानक तबीयत बिगड़ती है तो उनको बोट एंबुलेंस (Boat ambulance) की सुविधा दी जाएगी और उनका तत्काल ही इलाज शुरू किया जाएगा. डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि बोट एंबुलेंस पर ऑक्सीजन सिलिंडर (oxygen cylinder) के साथ डाॅक्टर और ट्रेंड एएनएम मौजूद रहती हैं. साथ ही साथ फर्स्ट एड किट भी रहने के कारण तत्काल इलाज करने में आसानी होती है.
डीएम ने बताया कि जल्दी ही जिले के सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में बोट एंबुलेंस की शुरुआत की जाएगी.अभी अलौली प्रखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों में इसकी शुरुआत की गई है. जो लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं, या जो लोग बांध पर रह रहे हैं उन तक स्वास्थ्य सुविधा पहूंचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि हालांकि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मेडिकल टीम पहले से काम कर रही है, लेकिन बोट एंबुलेंस के आ जाने से तत्काल चिकित्सा मुहैया कराने में आसानी हो जाएगी.
मरीजों के लिए टॉल फ्री नंबर जारी
बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदी में घुूम रहे बोट एंबुलेंस की जानकारी ट्राॅल फ्री नंबर 18003456620 पर डायल कर ली जा सकती है. किसी भी बाढ़ पीड़ित की तबीयत खराब होने पर वह इस नंबर के सहारे बोट एंबुलेंस को बुला सकते हैं. इसके लिए सभी जगहों पर इस नंबर का प्रचार-प्रसार किया गया है.
विशेष परिस्थिति में होगा रात में परिचालन
अलौली के पीएचसी प्रभारी डाॅक्टर मनीष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ के समय सबसे ज्यादा परेशानी गर्भभवती महिला को होती है. विशेष कर रात में प्रसव पीड़ शुरू होती है, ऐसे में उसको अस्पताल तक पहुंचाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ऐसे लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है कि उन तक रात में यह बोट एंबुलेंस पहुंच पाए.
एक लाख से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित
खगड़िया में सात प्रखंड अलौली, गोगरी परबता चौथम, बेलदौर, खगड़िया, मानसी के 119 गांव के एक लाख से अधिक लोग बाढ़़ से प्रभावित हैं. जिले मेें कोसी, बूढ़ी गंडक और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा 118 नाव की व्यवस्था की गई है.