कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान देशभर के प्रवासी मजदूरों की एक ही चिंता है कि घर कैसे पहुंचा जाए. लॉकडाउन का आज तीसरा दिन है, इस दौरान दिल को झकझोर देने वाली कई खबरें सामने आ रही हैं, दौली जिला प्रशासन के मुताबिक उन्हें खाना दिया गया और आगे यात्रा करने में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए पास भी मुहैया करवाए हैं. इसके साथ ही उनका मेडिकल चेकअप भी किया गया है.  जिनमें मजदूर घर जाने के लिए सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के चंदौली से सामने आया है. बिहार के मधुबनी के रहने वाले तीन लोगों ने साइकिल रिक्शे पर पुराने स्कूटर का इंजन लगाया और दिल्ली से घर जाने के लिए निकल गए.

बीती रात लालू महतो, गोरे लाल महतो और उनके ही परिवार का एक और सदस्य चंदौली में हाइवे पर जा रहे थे. चंदौली लखनऊ से 330 किलोमीटर दूर है. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से खाना दिया गया और यूपी पुलिस ने बाकी यात्रा पूरी करने के लिए पास मुहैया करवाए. उन्होंने पुलिस को बताया कि जब लॉकडाउन के बाद बसें बंद हो गईं और सीमाओं को सील कर दिया तो उन्होंने मंगलवार को दिल्ली से घर जाने का फैसला किया, क्योंकि उनके पास न तो खाना था और न ही पैसे.

मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी उनसे पूछ रहे हैं कि 800 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद क्या वे कुछ आराम करना चाहते हैं. इस पर एक ने कहा, ‘नहीं हम लोग थके नहीं हैं. हम आगे जाना चाहते हैं. कृपया हमें जाने दीजिए.’

लालू मेहता ने रिपोर्टर से कहा, ‘जो भी पैसा था हमारा वो खत्म हो गया. इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था. तो हमने इस रिक्शे का सहारा लेने का फैसला किया. हम तीन दिन या चार दिन में पहुंच जाएंगे.’ चंदौली जिला प्रशासन के मुताबिक उन्हें खाना दिया गया और आगे यात्रा करने में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए पास भी मुहैया करवाए हैं. इसके साथ ही उनका मेडिकल चेकअप भी किया गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here