कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए डॉक्टर और मेडिटेशन कराने वाले दिल्ली के कम से कम तीन अस्पतालों में यह जानने के लिए रिसर्च करने जा रहे हैं कि क्या योग से कोविड-19 के मरीजों की स्थिति में सुधार हो सकता है।
रिसर्च के संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अध्ययन के लिए अप्रैल में प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इस पर रिसर्च की जा रही है।
राजीव गांधी अस्पताल में नोडल अधिकारी डॉ. अजित जैन ने बताया कि अध्ययन में योग के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोविड-19 के मरीजों के तनाव, मूड, नींद, लक्षणों की तीव्रता और जीवनशैली पर प्राणायाम और विश्राम के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अध्ययन में 18 से 60 वर्ष की आयु के केवल उन मरीजों को शामिल किया जाएगा जिनकी आरटी/पीसीआर विधि से जांच की गई और उन्हें हल्के लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से कोरोना वायरस से पीड़ित, अनियंत्रित मधुमेह, कैंसर, तनाव और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अनुसंधान में शामिल नहीं किया जाएगा।
बता दें कि, राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के तेजी से फैलने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां एक्टिव केस से लेकर कंटेनमेंट जोन तक सभी में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा रही है।
दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,127 नए मामले सामने आने के साथ ही शहर में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 2,38,828 तक पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 30 मरीजों की मौत के बाद इस घातक वायरस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 4,907 तक पहुंच गई। दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, अब तक सामने आए कुल मामलों में से 2,01,671 मरीज संक्रमणमुक्त हो चुके हैं, जबकि 32,250 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके मुताबिक, संक्रमण की दर 6.76 फीसदी है। वहीं, कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 1,751 हो गई है। इससे पहले दिल्ली में 12 सितंबर को एक ही दिन में सर्वाधिक 4,321 नए मामले सामने आए थे।