पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम ने बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने आज जो भी कहा उसमें लाखों गरीबों, भूखे प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। वे अभी भी अपने राज्यों में पैदल वापस जा रहे हैं।

चिदंबरम ने कहा- इस भाषण से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो रोज मेहनत करके कमाते हैं। निचले तबके की आधी आबादी तक नकद ट्रांसफर का भी कोई माध्यम नहीं है। 13 करोड़ परिवारों को बेसहारा छोड़ दिया गया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि लोगों को राहत की उम्मीद थी मगर केंद्र का स्पेशल इकोनॉमिक पैकेज एक ‘बिग जीरो’ है। इसमें राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत किस सेक्टर को कितना पैसा दिया जाएगा। सरकार ने एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की। एमएमएमई को 3 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख उद्योगों को फायदा होगा।

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार सुबह केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें हेडलाइन और ब्लैंक पेज (कोरा कागज) दिया है। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उस ब्लैंक पेज को कैसे भरती हैं। हम हर उस अतिरिक्त रुपए पर नजर रख रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था में डाला जाएगा।’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री के द्वारा घोषित किया गया राहत पैकेज लघु उद्योगों के लिए मददगार साबित होगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे।

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