कोरोनावायरस संकट के चलते समूचे मुल्क में ठहराव आ जाने की वजह से पिछले तीन दशक में पहली बार ऐसा हुआ, जब पहली तिमाही के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था साल के पहले तीन महीनों में नीचे की तरफ आई, क्योंकि कोरोनावायरस के फैलाव के बीच फैक्टरियां बंद थीं, और उपभोक्ता घरों में बंद रहने के लिए मजबूर थे.
China's economy will likely grow at 1.2% in 2020 and rebound strongly to 9.2% in 2021, the IMF predicted on Apr 14. It said the COVID-19 would precipitate global growth into the deepest recession since 1930s but a recovery of 5.8% is expected if the pandemic fades. pic.twitter.com/74ziYryody
— China Economy (@CE_ChinaEconomy) April 15, 2020
14 संस्थानों के विश्लेषकों का मानना है कि पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में चीन की अर्थव्यवस्था में 8.2 फीसदी की गिरावट आई – जो 1990 के दशक के पूर्वार्द्ध में तिमाही आंकड़े दर्ज किए जाने की शुरुआत के बाद से गिरावट का पहला मौका है. विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि समूचे साल का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 1.7 प्रतिशत रहेगा, जो पिछले साल दर्ज किए गए 6.1 फीसदी से बेहद कम है, और कोरोनावायरस के फैलाव से पहले लगाए गए पूर्वानुमान से भी.
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— Viacheslav Morozov (@XuTaHy) January 19, 2016
अगर यह पूर्वानुमान सच साबित होता है, तो यह 1976 के बाद से अब तक सबसे कम वार्षिक वृद्धि होगी. वर्ष 1976 में कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन माओ ज़ेडॉन्ग की मृत्यु हुई थी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी मंगलवार को वर्ष 2020 के लिए 1.2 प्रतिशत वृद्धि का इससे भी बुरा अनुमान जारी किया था. चीन में बहुत-से व्यवसाय दोबारा शुरू हो चुके हैं, लेकिन कोरोनावायरस महामारी ने दुनियाभर की शेष अर्थव्यवस्थाओं को घुटनों पर ला दिया है, और अधिकतर व्यापारिक साझीदार मुल्क COVID-19 के फैलाव की वजह से लॉकडाउन में हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कहना है कि महामारी के चलते दुनियाभर का उत्पादन इस साल तीन फीसदी घट जाएगा.