राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश की बात सामने आई है। हालांकि, सरकार गिराने के मंसूबे नाकाम साबित हुए। कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में 3 निर्दलीय विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज की गई है। इन विधायकों में दौसा के महवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर के किशनगढ़ से सुरेश टांक और पाली के मारवाड़ से खुशवीर सिंह के नाम है।

आरोप है कि इन तीनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा में कांग्रेस विधायकों से संपर्क किया था। उन्हें खरीद फरोख्त के लिए करोड़ों रुपए की रकम देने का प्रलोभन दिया था। अब एसीबी इन विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। वहीं, भाजपा के दो स्थानीय नेताओं अशोक सिंह और भरत मलानी को हिरासत में लिया गया है।

एसओजी की जांच में खुलासा

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बताया कि हथियारों की तस्करी से जुड़े मामले में दो मोबाइल नंबरों (9929229909 और 8949065678) को सर्विलांस पर लिया हुआ था। इन पर हुई बातचीत में सामने आया कि राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने की साजिश रची गई थी। विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की जानकारी भी सामने आई है। कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की रिपोर्ट पर जांच के बाद एसओजी ने यह खुलासा किया। शुक्रवार को एसओजी ने इस मामले में केस भी दर्ज किया।

सूत्रों के मुताबिक, इस एफआईआर में बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ से महिला विधायक रमीला खड़िया और पूर्व मंत्री और वर्तमान में बांसवाड़ा जिले से कांग्रेसी विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम सामने आया। इन्हें विपक्षी दल की ओर से मोटी रकम का लालच देकर खरीद फरोख्त की कोशिश की गई थी। इस बीच मामला प्रदेश के सीएम गहलोत तक पहुंच गया। इसके बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा राज्य सभा चुनाव से पहले एक लिखित रिपोर्ट एसओजी, जयपुर में दी गई थी।

गहलोत बोले- भाजपा हमारे विधायक तोड़ने में लगी
अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा के लोग सरकार गिराने में लगे हुए हैं। हमें, हमारे मंत्रियों को सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हम कोरोना से जंग में लड़ रहे हैं। वे लोग (भाजपा) इसी में लगे हैं कि सरकार किस तरह से गिरे, कैसे खरीद-फरोख्त करें। ये अब खुलकर देश के सामने आ गए हैं। गोवा, मणिपुर में देखिए, वहां पर कांग्रेस की सरकारें बदली गईं। उत्तरखंड में 5 मंत्री वो हैं, जो कांग्रेस से गए। महाराष्ट्र में कमाल हो गया। बहुमत नहीं था, तब भी शपथ दिला दी गई। मध्यप्रदेश में सभी को मालूम है क्या हुआ। इनकी सोच ही यही है।

एसओजी को दी गई शिकायत में लगाए गए थे ये आरोप

जोशी का आरोप था कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के विधायकों और समर्थन दे रहे विधायकों को लालच देकर राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को प्रभावित करने और सरकार अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में दो मोबाइल नंबर दिए गए है। आरोप है कि इन्हीं नंबरों से फोन कर विधायकों से खरीद-फरोख्त कर सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी।

दो मोबाइल नंबरों से होगा खुलासा- किसने की थी खरीद फरोख्त की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत में यह भी कहा जा रहा है कि मौजूदा सरकार को गिराकर ये लोग नई सरकार बनवाकर 1000-2000 करोड़ रुपए कमा सकते हैं। इसी बातचीत में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच झगड़ा चल रहा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को तोड़कर सरकार गिराई जाए।

रिपोर्ट के मुताबिक, फोन पर हुई चर्चा में यह भी सामने आया कि वर्तमान सरकार को गिराकर नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन भाजपा का कहा कि मुख्यमंत्री हमारा होगा और उपमुख्यमंत्री को केंद्र में मंत्री बना दिया जाएगा। बता दें कि गहलोत ने भी राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा विधायकों को 25-25 करोड़ रु का प्रलोभन देकर खरीदने की बात कही थी। इसके बाद यह मामला जांच के लिए एसओजी तक पहुंचा।

26 विधायकों ने दिया संयुक्त बयान

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में शुक्रवार देर रात 26 विधायकों ने संयुक्त बयान जारी किया। यह मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी की तरफ से जारी किया गया। इसमें भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। इन कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा के शीर्षस्थ लोगों को इस साजिश में शामिल होने की बात भी कही।

 

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