यूपी बोर्ड के कक्षा 12 के विद्यार्थी करीब 19 वर्ष पहले से कोरोना वायरस को पढ़ रहे हैं। रमेश गुप्ता की विज्ञान विषय की पुस्तक ‘आधुनिक जंतु विज्ञान’ में इस वायरस का जिक्र है। किताब में वायरस के इलाज के संबंध में भी जानकारी दी गई है।
एनसी वैदिक इंटर कॉलेज के जीव विज्ञान विषय के प्रवक्ता केपी सिंह के मुताबिक कोरोना वायरस, रहीनो वायरस की ही प्रजाति है। इनके लक्षण समान हैं। यह मौसम में बदलाव के समय और सर्दियों में होता है।
नासाकोश में कड़ापन, नाक बहना, छींकना, गले में खराश आदि इससे पीड़ित होने के लक्षण हैं। इन दोनों वायरस में फेफड़े संक्रमित होतेे हैं और इस रोग के उपचार के लिए एस्पिरिन, एंटीहिस्टेमीन, नेजल स्प्रे आदि लाभप्रद हैं। ऐसा रमेश गुप्ता की आधुनिक जंतु विज्ञान पुस्तक में दिया गया है। वर्ष 2001 से यह पाठ्यक्रम में शामिल है।
एमडी जैन इंटर कॉलेज के जीव विज्ञान विषय के शिक्षक डॉ. अमित कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस विज्ञान में नया नहीं है। कक्षा 12 की विज्ञान की पुस्तक में इसका जिक्र है।
कोविड-19 इसी फेमिली का वायरस है, लेकिन यह ज्यादा खतरनाक है। इस फैमिली के बाकी वायरस की अपेक्षा 10 गुना तेजी से फैलता है। सामाजिक दूरी ही इस वायरस से बचाव का सबसे बढ़िया उपाय है।