आज देश आजादी का जश्न मना रहा है। मगर कोरोना वायरस ने जश्न के तरीके को बदल दिया। यही वजह है कि जब लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया तो बहुत कुछ पहली बार देखने को मिला। मसलन, कम मेहमान, छोटे-छोटे बच्चों की भीड़ नदारद, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आदि। हर साल पीएम मोदी गर्मजोशी से बच्चों की तिरंगानुमान भीड़ में जाते थे, उनके साथ दो पल के लिए ही सही आजादी का जश्न मनाते थे, वह इस साल कोरोना की भेंट चढ़ गया।

दरअसल, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पीएम मोदी इस साल बच्चों के बीच नहीं जा सके। कुछ बच्चे लाल किले के सामने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए कतारबद्ध तरीके से बैठे थे। मगर कोरोना के खतरे की वजह से पीएम मोदी ने सिर्फ अपना हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जब उनकी गाड़ी बच्चों के पास पहुंची तो वह गाड़ी से ही निकलकर हाथ हिलाकर बच्चों का अभिवादन किया और फिर वह अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।

 

बता दें कि पीएम मोदी ने छोटे-छोटे बच्चों की गैरमौजूदगी का जिक्र भी अपने भाषण के दौरान किया। लाल किले पर झंडा फहराने के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करना शुरू किया तो सबसे पहले उन्हें छोटे-छोटे बच्चों की याद आ गई, जो हर साल उनके सामने कतार में बैठे होते थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। आज छोटे-छोटे बालक मेरे सामने नजर नहीं आ रहे हैं। भारत के उज्ज्वल भविष्य को कोरोना ने सबको रोका हुआ है।’ बता दें कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से बड़ी संख्या में ये बच्चे शामिल नहीं हो पाए हैं और पूरे कार्यक्रम में सीमित मेहमानों को ही बुलाया गया था।

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