कोरोना वायरस की मार से लागू बंदी के बीच अमेरिका अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने यानी मार्च में अमेरिकी कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया.

कोरोना वायरस की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी से प्रभावित हो रही है. यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, अमेरिका में कोरोना वायरस से 8 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है, जबकि 3 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं.

दरअसल, कोरोना वायरस की मार से लागू बंदी के बीच अमेरिका अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने यानी मार्च में अमेरिकी कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया.

रम विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में अमेरिका में 7,01,000 रोजगार घट गए. देश में बेरोजगारी की दर बढ़कर 4.4 फीसदी पर पहुंच गई. विभाग ने स्वीकार किया है कि उसके सांख्यिकी आंकड़ों में कोविड-19 से हुए पूरे नुकसान को शामिल नहीं किया जा सका है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो रहे हैं और अप्रैल में यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा. ट्रंप प्रशासन ने आर्थिक नुकसान को देखते हुए अमेरिका में लॉकडाउन घोषित नहीं किया है.

गौरतलब है कि दुनियाभर में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इससे अमेरिका के शहर सुनसान हो चुके हैं और अधिकारी लोगों और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान पर अंकुश लगाने के तरीके ढूंढ रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट्स मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

भारत में भी इस हफ्ते कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. हालांकि हालात अभी काबू में हैं और लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की सलाह दी जा रही है. क्योंकि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए यही एक मात्र उपाय है.

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