कोरोना वायरस आने वाले 18 से 24 महीने तक दुनियाभर में तबाही मचाएगा। ऐसा इसलिए संभव हो सकता है कि कोरोना वायरस का प्रजनन दर दूसरे मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक है। अमेरिकी संक्रामक रोग वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनियाभर के देशों की सरकारों को अभी से भविष्य की रणनीति बनानी होगी क्योंकि वायरस झोंके की तरह कई बार दस्तक देगा। ऐसे में होशियारी और समझादारी से ही इससे बचा जा सकता है।

70% आबादी हो सकती है संक्रमित

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर इंफेक्सियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी (सीआईडीआरएपी) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वायरस की दूसरी लहर पतझड़ या सर्दियों के समय भी आ सकती है। सीआईडीआरएपी के निदेशक और प्रो. माइक ऑस्टरहोल्म का कहना है ‘ये वायरस तब तक तबाही मचाएगा जब तक 60 से 70 फीसदी लोगों को संक्रमित नहीं कर देता।’

रिपोर्ट में लिखा है कि वायरस गर्मी में भी नहीं मरेगा जैसा दूसरे सिजनल फ्लू में होता है। कोरोना लंबे समय तक जीवित रहने वाला वायरस है, बिना लक्षणों के भी मिलता है और इसकी प्रजनन दर जिसे आरओ (रिप्रोडक्शन रेट) कहते हैं। इस कारण ये वायरस दूसरे फ्लू की तुलना में तेजी से फैलेगा और देर तक रहेगा। तेज प्रजनन दर के कारण वायरस अधिक से अधिक लोगों में फैलेगा। नतीजा ये होगा कि महामारी के खत्म होने से पहले हर किसी के भीतर इम्युनिटी बन चुकी होगी।

तीन तरह से आक्रमण कर सकता है वायरस

  • पहला झटका वसंत के मौसम में भी आ सकता है और गर्मी तक कई बार छोटे-छोटे हमले करेगा। हो सकता है कि एक से दो साल तक ऐसे ही रहे और 2021 तक धीरे-धीरे खत्म हो।
  • पतझड़ के मौसम या सर्दियों में वायरस सक्रिय हो सकता है और बड़े पैमाने पर इसका असर देखने को मिल सकता है। 2021 में खत्म होने से पहले भी कहर बरपा सकता है।
  • वायरस का मौजूदा प्रकोप धीरे-धीरे कम होगा। इसमें जैसे हालात अभी हैं वैसे ही रह सकते हैं। सरकारों को रणनीति बनानी होगी जिससे वे आपात स्थिति में इससे लंबे समय तक निपट सकें।

दूसरा आक्रमण खतरनाक

वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार वायरस तीसरे तरीके से आक्रमण करता है तो सरकार को सतर्क होना होगा क्योंकि ये बेहद भयावह और खतरनाक होगा।अभी से लॉकडाउन में छूट चौंकाने वाला…हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ डज्ञॅ. मार्क लिपसिट का कहना है कि अभी से लॉकडाउन में जो छूट दी जा रही है वो चौंकाने वाला है।

अगर ये एक प्रयोग है तो ये लोगों के जीवन पर भारी पड़ने वाला है। वैक्सीन से मदद मिल सकती है लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम हमारे सामने नहीं है और जल्दी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अभी के हालात को देखते हुए लगता है कि वैक्सीन भी 2021 तक ही मिल पाएगी। सबसे बड़ी चुनौती ये है कि जब वैक्सीन बनेगी तब हालात क्या होंगे इसपर भी सबकुछ निर्भर करेगा।

 

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