एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4 फीसदी रह सकती है. इसके पहले कई रेटिंग एजेंसियां भी भारत के अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में बदलाव कर चुकी हैं. कोरोना की वजह से देश—दुनिया की इकोनॉमी को तगड़ा झटका लगा है. कोरोना की वजह से दुनिया के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4 फीसदी रह सकती है.

गौरतलब है कि इसके पहले कई रेटिंग एजेंसियां भी भारत के अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में बदलाव कर चुकी हैं. पिछले साल आई सुस्ती के बाद से ही भारत की विकास दर धीमी होती रही है. हालांकि एडीबी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 6.2 फीसदी तक पहुंच सकती है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एडीबी के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा, ‘कई बार काफी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है. कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं.’ बैंक ने अपने ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ (एडीओ) 2020 में कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि वित्त वर्ष 2020 में घटकर चार फीसदी रह सकती है.

भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है. वहीं सरकार के आर्थ‍िक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अगले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट रहने की बात कही है.

एसऐंडपी ने वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया है. कोरोना की वजह से ही मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 2020 के कैलेंडर ईयर के लिए घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया है. फिच रेटिंग ने शुक्रवार को ही भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 2020- 21 के लिए घटाकर 5.1 प्रतिशत किया है.

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