Citizens walking on the street in masks because of danger of epidemic

दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) के फैलाव से बचाव को लेकर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. लॉकडाउन अवधि के दौरान अगर कोई जरूरी काम से बाहर निकलता है या फिर सब्जी, दूध व किराना स्टोर (अति-आवश्यक सेवाएं) से जुड़े लोग सड़कों पर निकलते हैं तो वह अनिवार्य रूप से मास्क पहनेंगे. दिल्ली सरकार ने मास्क पहनने को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनके अनुसार, जो भी व्यक्ति किसी भी कारणवश घर से बाहर निकला है, उसके लिए तीन प्लाई या फिर कपड़े का बना मास्क पहनना अनिवार्य होगा. निजी वाहन या दफ्तर के वाहन में सफर कर रहे लोगों के लिए भी मास्क पहनना जरूरी होगा.

दिल्ली सरकार के अनुसार, कार्यस्थल पर भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा. कोई भी शख्स मास्क पहने बगैर किसी मीटिंग आदि में शामिल नहीं होगा. यह संस्थान की जिम्मेदारी होगी कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि उनके सभी कर्मचारियों ने तीन प्लाई या फिर कपड़े का मास्क पहना है. सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि तय मानकों वाले मास्क सभी केमिस्ट शॉप पर उपलब्ध हैं. लोग घर पर बने मास्क का भी सावधानीपूर्वक इस्तेमाल कर सकते हैं.

बताते चलें कि बीते दिन दिल्ली के पॉश इलाकों में से एक मंडी हाउस के करीब बंगाली मार्केट स्थित एक पेस्ट्री शॉप के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दुकानदार के खिलाफ आईपीसी की धारा-188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस चेकिंग के दौरान शॉप की छत पर 35 वर्कर रह रहे थे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था, जिसकी वजह से एफआईआर दर्ज की गई और सभी वर्कर को शेल्टर होम भेजा गया. बंगाली मार्केट इलाके को सील कर दिया गया है. यहां कोरोना पॉजिटिव मामला मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला किया. लुटियन दिल्ली का यह पहला इलाका है जिसे सील किया गया है. बंगाली मार्केट बंद करवा दी गई है.

गौरतलब है कि पिछली महीने तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के जिन सदस्यों को निजामुद्दीन की मरकज (Nizamuddin Markaz) से निकाला गया था, बुधवार को उनमें से कोरोना वायरस के 93 नए मामले सामने आने से हड़कंप मच गया. दिल्ली में अब कोरोना वायरस के कुल 669 मामले हो गए हैं. महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे नंबर पर दिल्ली पहुंच गया है. महाराष्ट्र में 1135 और तमिलनाडु में 738 केस अभी तक रिपोर्ट किए जा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुल मामलों में 64 फीसदी आंकड़ा तो सिर्फ तबलीगी जमात से जुड़े लोगों का ही है, जिन्होंने पिछले महीने निजामुद्दीन मकरज में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

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