कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों और स्टूडेंट्स को हो रही दिक्क्तों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री खुद को शाक्तिशाली-निर्णय लेने वाला पीएम साबित करने के लिए पहले कदम उठाते हैं और बाद में उस कदम के नतीजों के बारे में सोचते हैं. जिसके चलते ही रोज-रोज नए दिशानिर्देश जारी करने पड़ते हैं.

दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को ट्वीट में कहा, “अगर प्रधानमंत्री के पास देशव्यापी लॉकडाउन को लेकर स्पष्ट विजन और समझ होती तो वह लोगों को वापस लौटने के लिए कम से कम 3-4 दिन का समय जरूर देते.”

उन्होंने आगे लिखा- “प्रधानमंत्री के साथ समस्या है कि यह साबित के लिए कि वह एक ताकतवर-निर्णय लेने वाले PM हैं, वह पहले काम करते हैं और बाद में अपने द्वारा उठाए गए कदमों के नतीजे के बारे में सोचते हैं. नोटबंदी, जीएसटी और अब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (National Lockdown).उन्होंने 31 जनवरी 2020 से कोई कदम नहीं उठाया, जब देश में कोरोनावायरस का पहला मामला आया. उसके 40-50 दिन बाद कदम उठाया है.”

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि उन्होंने (PM) ने बिना नए नोटों की छपाई के 87 प्रतिशत नोटों को बंद कर दिया. बिना पूरी तैयारी के जीएसटी लागू किया और बिना एक्जिट प्लान के लॉकडाउन. भारत सरकार अब भी उचित एक्जिट नीति के लिए अंधेरे में तलाश कर रही है. रोज-रोज जारी होने वाले दिशानिर्देश इसी का परिणाम है. इससे भ्रम फैल रहा है.

 

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