डोनाल्ड ट्रंप या बाइडेन? अमेरिका में किसने-किसको वोट किया, आंकड़ों में जानें किसके पक्ष में कौन और कितने वोटर

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की गद्दी पर कौन काबिज होगा, इसके लिए वोटों की गिनती जारी है। डेमोक्रेट जो बाइडेन और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, मगर अब तक जो नतीजे सामने आए हैं, उसमें जो बाइडेन, डोनाल्ड ट्रंप से काफी आगे निकल चुके हैं। बाइडेन 264 इलेक्टोरल वोट के साथ जीत से महज 6 कदम दूर हैं, वहीं ट्रंप के खाते में 214 इलेक्टोरल वोट ही आए हैं। इस बीच अमेरिका में एक सर्वे किया गया है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन को कौन-कौन से लोगों ने वोट किया है और कहां किसको फायदा मिल रहा है।

एसोसिएटेड प्रेस के ‘एपी वोटकास्ट’ सर्वे की मानें तो 55 फीसदी व्हाइट वोटरों (श्वेत मतदाता) ने डोनाल्ड ट्रंप को ही वोट किया है। वहीं, 43 फीसदी ने जो बाइडेन को अपना समर्थन दिया है। वहीं, जेंडर के लिहाज से देखें तो 59 फीसदी श्वेत पुरुष मतदाताओं ने ट्रंप को वोट किया है, वहीं 39 फीसदी ने बाइडेन के साथ जाने का फैसला किया है। इसके अलावा, जिन पुरुषों के पास कॉलेज की डिग्री नहीं है, उनमें से 64 फीसदी ने ट्रंप के लिए वोट किया है, वहीं 34 फीसदी ने बाइडेन को अपना समर्थन दिया है।

शोध संस्थान शिकागो विश्वविद्यालय में NORC द्वारा एसोसिएटेड प्रेस के लिए किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण ‘एपी वोटकास्ट’के विश्लेषण में पता चलता है कि डोनाल्ड ट्रंप को अश्वेतों ने एक तरह से खारिज कर दिया है। करीब 90 फीसदी ब्लैक वोटर्स (अश्वेत मतदाता) ने जो बाइडेन को अपना समर्थन दिया है और महज 8 फीसदी ने ही ट्रंप को वोट दिया है। वहीं, जेंडर के लिहाज से भी देखा जाए तो 93 फीसदी महिला अश्वेत वोटरों ने जो बाइडेन को वोट दिया है और 6 फीसदी ने ट्रंप को।

इस बार के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को एशियाई मूल्क के अमेरिकी नागिरकों ने पसंद नहीं किया है। 70 फीसदी एशिआई मतदाताओं और 63 फीसदी हिसपैनिकों ने जो बाइडेन को अपना समर्थन दिया है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह आंकड़े 28 फीसदी और 35 फीसदी हैं। इसके अलावा, 18 से 29 साल की उम्र के वोटरों में से 61 फीसदी ने बाइडेन को अपना समर्थन दिया है, वहीं 65 साल से ऊपर के 51 फीसदी मतदाताओं ने डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया है। वहीं गांवों और शहरों के वोटरों की बात करें तो 65 फीसदी शहरों वोटरों ने जो बाइडेन को वोट किया है, वहीं, 65 फीसदी ग्रामीण वोटरों ने ट्रंप को अपना समर्थन दिया है।

इसके अलावा, अगर वोट के मुद्दों पर गौर करें तो ट्रंप समर्थक और बाइडेन समर्थक मतदाताओं का अपना अलग-अलग मत है। 28 फीसदी अमेरिकी मतदाताओं ने अर्थव्यवस्था और नौकरियों को देश के सामने सबसे बड़ी समस्या माना है। इनमें से 81 फीसदी ने डोनाल्ड को वोट दिया और केवल 16 फीसदी ही बाइडेन के साथ गए हैं। वहीं, 41 फीसदी लोगों का मानना है कि महामारी सबसे महत्वपूर्ण मैटर है। इनमें से 73 फीसदी लोगों ने बाइडेन को वोट किया है और 25 फीसदी ट्रंप को। इसका मतलब है कि जिस तरह से कोरोना से निपटने में विफलता को लेकर ट्रंप पर निशाना साधा जा रहा था, उसका असर चुनाव में भी दिखा है।

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इसके अलावा, 43 फीसदी लोगों का मानना है कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है। ऐसा मानने वाले लोगों में से 81 फीसदी ने डोनाल्ड ट्रंप को वोट किया है, वहीं महज 17 फीसदी लोग बाइडेन के पक्ष में गए हैं। हालांकि, 57 फीसदी अमेरिकियों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी अच्छी स्थिति में नहीं है। ऐसे सोच रखने वाले 76 फीसदी लोगों का मत बाइडेन की ओर गया है, वहीं 22 फीसदी लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप को वोट किया है।

वहीं, 19 फीसदी अमेरिकी को लगता है कि अमेरिका ने कोरोना महामारी को पूरी तरह से कंट्रोल कर लिया है। इस तरह के लोगों में से 91 फीसदी ने डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया है। वहीं 50 फीसदी अमेरिका वासी को लगता है कि महामारी पर अभी काबू नहीं पाया गया है और ऐसे लोगों में से 83 फीसदी ने बाइडेन को वोट किया है। इस तरह से अमेरिकी चुनाव में मतदाता जिस विषय पर सबसे अधिक और स्पष्ट रूप से बंटे दिखे, वह है कोरोना वायरस महामारी और उसे लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया। हैरानी की बात तो यह है कि जिन स्थानों पर महामारी बेकाबू होकर कहर बरपा रही है, वहां से ट्रंप को खासा समर्थन मिला।

एसोसिएटेड प्रेस के विश्लेषण में पता चला है कि 376 काउंटी, जहां प्रति व्यक्ति संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं, उनमें से 93 फीसदी काउंटी में ट्रंप के पक्ष में अधिक मत पड़े हैं, वायरस से कम प्रभावित इलाकों में ट्रंप के पक्ष में पड़ने वाले मतों की दर इससे कम है। एपी का विश्लेषण उन काउंटी तक सीमित है जहां कम से कम 95 फीसदी क्षेत्रों से चुनाव परिणाम आ चुके हैं। इसमें सभी काउंटी को प्रति 1,00,000 व्यक्तियों पर कोविड-19 के मामलों की दर के आधार पर छह श्रेणियों में बांटा गया है। इस सर्वे में 110,000 से अधिक मतदाताओं की राय ली गई।

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