भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह सावन सोमवार से शुरू हो जाएगा। इस दिन श्रद्धालु विशेष मनोकामना की प्राप्ति के लिए सोमवारी का व्रत रखेंगे। कोई निराहार तो कोई फलाहार कर भगवान भोलेनाथ की आराधना करेगा। बाबा गरीबनाथ मंदिर समेत जिले के सभी शिवालय बंद होने के कारण श्रद्धालु घर पर ही शिव का जलाभिषेक व पूजा-अर्चना करेंगे। पं. शत्रुघ्न तिवारी व पं. विवेक तिवारी बताते हैं कि घर पर भांग, धतूर, बेलपत्र, फूल व जल से शिव का पूजन करें।

शिव के अभिषेक में जल का बहुत महत्व है। वर्षा के लिए जल से रुद्राभिषेक करना चाहिए। रोग और दु:ख से छुटकारा के लिए कुशा जल से, मकान, वाहन या पशु आदि के लिए दही से, लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से, धन में वृद्धि के लिए जल में शहद डालकर, मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ से लाए गये जल से, बीमारी को नष्ट करने के लिए जल में इत्र मिलाकर, पुत्र की प्राप्ति, रोग शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए गाय के दुग्ध से, ज्वर ठीक करने के लिए गंगाजल से, शुद्धि और ज्ञानवर्धन के लिए दुग्ध में चीनी मिलाकर, वंश वृद्धि के लिए घी से व पापों से मुक्ति चाहते हैं तो शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करें।

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