राजस्थान ने कोरोना वायरस का एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट रोक दिया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह गलत परिणाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि कोई प्रक्रियागत चूक नहीं है. यह किट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा भेजी गई थी और हमने इसकी सूचना आईसीएमआर को दे दी है.

दरअसल, राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया था. सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना के 100 मरीजों का इस किट के जरिए टेस्ट किया गया, जिसमें से इसने 5 को ही पॉजिटिव बताया. यानी रैपिड टेस्ट किट जांच में फेल साबित हुआ. यह केवल 5 फीसदी सफलता हासिल कर पाया.

रैपिड टेस्ट किट के फेल होने पर डॉक्टरों ने कहा था कि किट के दूसरे लॉट का भी टेस्ट किया जा रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं पहले लॉट में दिक्कत तो नहीं थी. अगर ऐसा हुआ तो सरकार रैपिड टेस्ट किट को लौटाएगी. इस किट के जरिए कोरोना जांच पर महज 600 रुपये का खर्च आता है.

एंटीबॉडी रैपिड किट से टेस्टिंग की शुरुआत करने वाला राजस्थान पहला राज्य है. राजस्थान में कल यानी सोमवार को तीसरे दिन भी रैपिड किट के जरिए 2000 लोगों का टेस्ट किया गया था. इसमें एक परिवार के 5 लोग पॉजिटिव मिले थे. अब किट की विश्वसनीयता पर उठे सवाल के बीच राजस्थान सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

इस बीच राजस्थान में कोरोना के 52 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, भीलवाड़ा में 4, टोंक में 2, सवाईमाधोपुर में एक, दौसा में 2, नागौर में एक, झुंझुनु में एक, जयपुर में 34, जोधपुर में 5 और जैसलमेर में 2 मामले सामने आए हैं. राज्य में कुल कंफर्म केस की संख्या 1628 हो गई है.

 

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