लगातार बारिश से बूढ़ी गंडक नदी में आए उफान से शहर पर बाढ़ का संकट और अधिक गहरा गया है। सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट और अहियापुर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश करने लगा है। लोग सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन कर गए हैं। प्रशासन द्वारा अखाड़ाघाट में नदी के किनारे रह रहे लोगों को हटा दिया है। इसके अलावा नदी के किनारों की झुग्गी-झोपड़ी में भी पानी प्रवेश कर गया है। मिठनसराय में भी बूढ़ी गंडक का प्रवेश कर गया है। बूढ़ी गंडक और गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। औराई और कटरा में हजारों हेक्टेयर में लगी सब्जी और धान की फसलें डूब गईं हैं।

फसलों की क्षति का आकलन किया जाएगा

जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद ने बताया है कि बारिश का पानी उतरने के बाद ही फसलों की क्षति का आकलन किया जाएगा। उधर, जल संसाधन विभाग, गंडक परियोजना, आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन की टीम बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुई है। जल संसाधन विभाग ने तत्काल स्थिति नियंत्रित बताया है।

बाढ़ और बरसात से उत्पन्न स्थिति पर प्रशासन की नजर

उधर, जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि बाढ़ और बरसात से उत्पन्न स्थिति पर प्रशासन की नजर है। अधिकारियों की टीम लगातार काम कर रही है। लगातार जारी बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। बागमती नदी के जलस्तर में हल्की नरमी आई है। लेकिन, गंडक व बूढ़ी गंडक के तेवर अब भी तल्ख है। सोमवार को औराई के कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर 54.40 मीटर रहा। यहां नदी खतरे के निशान से 1.27 मीटर ऊपर बह रही है। जबकि, बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.63 मीटर अधिक 49.31 मीटर दर्ज किया गया। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर में 12 सेमी की वृद्धि के साथ 52.18 मीटर और गंडक नदी का जलस्तर रेवाघाट में 54.06 मीटर दर्ज किया गया। पिछले साल 18 जुलाई को बूढ़ी गंडक में आया था उफान पिछले साल भी 18 जुलाई को बूढ़ी गंडक नदी में उफान आया था। इसके चलते शहर के झील नगर, कर्पूरी ग्राम, हनुमंत नगर, चंदवरदाई नगर, आश्रम घाट, सिकंदरपुर ढाब, चंदवारा, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट आदि इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था।

शहर के तकरीबन 500 घर समेत अहियापुर थाना भी बाढ़ की गिरफ्त में था। लोग घर छोड़ बांध पर शरण लेने को विवश हो गए थे। इस साल भी 18 जुलाई से नदी का कहर तेजी से दिखने लगा है।