महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यहां अब तक 9 हजार 915 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं, इनमें से 432 लोगों की मौत हो चुकी। पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना के कुल 597 मामले सामने आए और 32 लोगों की मौत हुई है। 597 नए मरीजों में 475 सिर्फ मुंबई के हैं। इनमें से 26 लोगों की मौत हो चुकी। महाराष्ट्र में मुंबई कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 6 हजार 644 संक्रमित मरीज सामने आ चुके, 270 लोगों की मौत हो चुकी।

महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने के लिए महाराष्ट्र परिवहन विभाग की 10 हजार बसें तैयार हैं। मजदूरों को भेजने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से भी गुजारिश की थी। दूसरी ओर कोटा में फंसे महाराष्ट्र के ढाई हजार छात्रों को लाने के लिए भी बुधवार को 100 बसें रवाना हुई थीं।

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई प्लाज्मा थैरेपी का पहली ट्रायल सफल रही है। ये ट्रायल मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती मरीज पर की गई। दूसरी ट्रायल जल्द ही नायर अस्पताल में की जाएगी।

बृहन मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के 49 साल के कर्मचारी की बुधवार को मौत हो गई। मिशन धारावी ऑपरेशन से जुड़ा कर्मचारी बीएमसी के असेसमेंट डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था और राशन बांटने वाली टीम में शामिल था। 23 अप्रैल को बोरिवली के एक निजी क्लीनिक में न्यूमोनिया का इलाज कराया था। हालत बिगड़ने पर सोमवार को सैंपल लिए गए। बुधवार को कस्तूरबा अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

सरदार वल्लभ भाई पटेल कंटेंनमेंट जनरल हॉस्पिटल में कोरोनावायरस मरीजों को दिन में तीन बार खाना परोसने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर वीडी गायकवाड़ ने बताया कि उन्हें ये आइडिया आईटीआई के छात्रों ने दिया। 45 हजार रुपए खर्च कर कंटेंनमेंट बोर्ड के आईटीआई कॉलेज के प्रोफेसर विजय चौहान ने छात्रों की मदद से रोबोट तैयार किया।

राज्य में यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षाएं लॉकडाउन खत्म होने के बाद होंगी। बुधवार को प्रदेश के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि मई महीने के आखिर तक परीक्षाएं हो पाएंगी। सामंत ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में यूजीसी से अगले दो से चार दिनों में दिशा निर्देश मिल जाएंगे।

हॉफकिन रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक यहां मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट (एमईडी) के साथ मिलकर बीसीजी से कोरोना के इलाज के क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। इस ट्रायल के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि क्या इससे कोरोना के इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है? 121 साल पुराना हॉफकिन रिसर्च इंस्टीट्यूट यह ट्रायल कम संक्रमित लोगों पर करेगा। उन्हीं सरकारी मेडिकल कॉलेजों में यह ट्रायल किया जाएगा, जिनमें राज्य सरकार और इंस्टीट्यूशलन एथिक्स कमिटी ने ट्रायल की इजाजत दी है।

 

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