नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक पैकेज के चौथी किस्त का ब्योरा दे रही है। इस दौरान उन्होंने कोयला क्षेत्र को लेकर बड़ा ऐलान किया। शाम 4 बजे शुरू हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि आज का पैकेज संरचनात्मक सुधारों पर आधारित होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कोयला क्षेत्र को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में सरकारी एकाधिकार खत्म होगा, अब कमर्शियल माइनिंग भी होगी।

केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। इसके लिए एक टैरिफ पॉलिसी लाई जाएगी। इसमें इस चीज का ध्यान रखा जाएगा कि उपभोक्ताओं को उनका अधिकार हासिल हो सके। इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। बिजली क्षेत्र में स्थिरता आएगी। डीबीटी के माध्यम से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।

सिविल एविएशन सेक्टर को लेकर तीन कदम हैं। भारतीय नागरिक विमानों को लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं। भारतीय हवाई क्षेत्र को सुगम बनाने के लिए मिलिटरी अफेयर विभाग के साथ समन्वय करके इसको दो महीने के अंतर्गत सुलझा लिया जाएगा। इससे विमानन क्षेत्र को 1 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। एयर फ्यूल भी बचेगा और पर्यावरण भी बचेगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोयला क्षेत्र में कमर्शल माइनिंग होगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इसपर काम करना है।

उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके और देश के उद्योगों को बल मिले। आने वाला समय में लगभग 50 नए ब्लॉक्स खनन के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी. कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी। उनको अपफ्रंट पेमेंट करनी होगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि मिनरल्स में सुधार अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया, ज्वाइंट ऑक्शन होगा, इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी। एक मिनरल इंडेक्स बनेगा। 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मिनरल माइनिंग में निजी निवेश बढ़ाएंगे। मिनरल में एक्सप्लोरेशन माइनिंग प्रॉडक्शन सिस्टम लाएंगे। नई व्यवस्था में 500 माइनिंग ब्लॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें भी 50,000 करोड़ का खर्च इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा। बॉक्साइट और कोयला का ज्वाइंट ऑक्शन होगा। इससे खनन में वृद्धि होगी और रोजगार सृजन होगा। एल्यूमिनियम इंडस्ट्री को भी इससे लाभ मिलेगा। बिजली की लागत कम होगी। खनन भी बढ़ेगा। सालाना 40 फीसदी उत्पादन बढ़ेगा। कंसेशन्स इन कमर्शियर टर्म्स लगभग 5,000 करोड़ रुपये के होंगे।

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