महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के हालत बिगड़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है। बावजूद इसके हालात नियंत्रित नहीं हो पा रहे हैं। मंगलवार सुबह संक्रमण के पांच नए केस सामने आए। इसमें एक मुंबई में, दो पुणे और दो बुलढाना के केस हैं। इसे मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 225 तक पहुंच गई है। वहीं, राज्य में संक्रमण से 10 लोगों की जान जा चुकी है।
कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों की मार्च महीने की सैलरी में 60 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया है। वहीं, राज्य सरकार के ग्रेड-ए और ग्रेड- बी के अधिकारियों का 50 फीसदी और ग्रेड-सी कर्मचारियों का 25 फीसदी वेतन काटने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र में करीब 19 लाख राज्य कर्मचारी है।
Maharashtra deputy CM Ajit Pawar: CM's and MLAs' salaries will be slashed by 60% and A and B class officers will get 50% while C class will get paid 75% and D will get full salaries.
— TOI Mumbai (@TOIMumbai) March 31, 2020
संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इस बीच, मजदूरों का पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार ने 262 राहत शिविर शुरू किए हैं। इनमें करीब 70 हजार प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों को रखा गया है। राज्य सरकार का कहना है कि मजदूरों के स्वास्थ्य की लगातार जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी भी मजदूरों से कहा है कि राज्य की सीमाएं सील हैं, इसलिए कहीं न जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को दिक्कत नहीं होगी। सरकार पूरा इंतजाम कर रही है।
महाराष्ट्र में मुंबई कोरोना का एपीसेंटर बना हुआ है। सिर्फ मुंबई में अब तक संक्रमित आठ लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या भी 93 तक पहुंच गई है। दक्षिण मुंबई के वर्ली कोलीवाडा इलाके में कोरोना संक्रमित चार मरीज मिले हैं। इसके बाद पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है। पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे इस इलाके से विधायक हैं।
राकांपा प्रमुख नेता शरद पवार ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से कहा है कि यह मुश्किल दौर है। आने वाला समय और अधिक मुश्किल हो सकता है। इसलिए पैसे की अहमियत समझिए, फालतू खर्च से बचिए।
बीएमसी ने सोमवार को कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसे वापस ले लिया। इसमें बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने कहा था कि धर्म की मान्यताओं से अलग संक्रमण से मरने वालों का दाह संस्कार ही किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा था कि अगर कोई मृत व्यक्ति को दफनाना चाहता है तो उसे बीएमसी क्षेत्र के बाहर जाना होगा। हालांकि, एक घंटे बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट कर बताया कि इस आदेश को वापस ले लिया गया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में बीएमसी ने निर्णय लिया है कि उस इलाके की जीआईएस मैपिंग कराई जाएगी, जिसमें कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यह सबकुछ करने के बाद उस एरिया का मैप और वहां पर कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। इससे उस एरिया में रहने वाले लोग ज्यादा सचेत रह सकेंगे। कमिश्नर परदेशी ने कहा कि जिस एरिया में कोरोना के ज्यादा मरीज हैं, वहां की ज्यादा निगरानी करने की जरूरत है। साथ ही लोग जानकारी मिलने से खुद भी एलर्ट रहेंगे।