हाथरस केस : पीड़िता के परिजन बोले- डीएम ने कहा तुम्हारी बेटी कोरोना से मर जाती तो पैसे नहीं मिलते

हाथरस केस में तीन दिन बाद मीडियो को पीड़िता के घर जाने की अनुमति दे दी गई है। इसके बाद परिजनों ने टीवी चैनल आजतक से बातचीत में कहा कि जिले के डीएम ने उनसे अभद्रता से बात की। कहा कि अगर तुम्हारी बेटी की कोरोना से मौत हो जाती तो तुम्हें मुआवजा नहीे मिलता। परिजनों ने कहा कि हम तो सच बोल रहे हैं तो हमारा नार्को टेस्ट क्यों? झूठ तो डीएम और एसपी बोल रहे हैं। उनका नार्को टेस्ट कराया जाए।

पीड़िता की मां ने कहा है कि वे अपनी बेटी को सिर्फ एक बार देखना चाहती थी। शव तक नहीं दिया गया। उनका चेहरा भी नहीं देख सकी। पीड़िता की भाभी ने तो यहां तक कहा कि उस रात को उनकी ननद का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था। हमें नहीं पता पुलिस ने किसका शव जलाया है।  पीड़िता की भाभी ने डीएम पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बॉडी देखने की मांग की तो डीएम ने कहा कि आपको पता है पोस्टमॉर्टम के बाद डेड बॉडी का क्या हाल हो जाता है, हथौड़े से मारकर हड्डियां तोड़ दी जाती है। ऐसी लाश को तुमलोग देख पाते। भाभी ने कहा कि डीएम उन्हें बार बार कह रहे थे कि तुम्हें मुआवजा तो मिल गया. तुम्हारे खाते में कितना पैसा आया है, तुम्हें पता है?  पीड़िता की भाभी ने कहा कि उन्हें बाहर नहीं दिया जा रहा था क्योंकि उन्हें डर था कि वे लोग सच्चाई मीडिया को न बता दें. पीड़िता की भाभी इस वक्त बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा कि उनका परिवार नार्को टेस्ट नहीं करवाएगा. नार्को टेस्ट डीएम का करवाना चाहिए. उन्होंने सीबीआई जांच की मांग से भी इनकार किया।

माना जा रहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ आज फिर हाथरस रवाना हो सकते हैं।  उनके साथ कांग्रेस सांसदों का एक  प्रतिनिधिमंडल भी होगा, जो पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उनका दर्द जानेगा। फिलहाल, हाथरस की सीमाएं सील हैं और पीड़िता के गांव में पुलिस की सख्त पहरेदारी है। हाथरस की सीमाएं पूरी तरह सील हैं और गांव के दो किलोमीटर बाहर ही बैरिकेडिंग की गई है।

शनिवार सुबह राहुल गांधी ने ट्वीट कर एक बार फिर से योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।’

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