हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद से वहां सियातय तेज हो गई है। प्रशासन ने किसी को भी गांव में जाने नहीं दे रहा है। मीडिया और नेताओं की पीड़िता के गांव में इंटी पर रोक लगा दी गई है। गांव में जाने से मनाकर कर दिए जाने के विरोध में हिन्दू महासभा के लोग धरने पर बैठ गए हैं। धरनास्थल पर ही अपने खून से मांग पत्र पर हस्ताक्षर किया। वहीं दूसरी ओर हाथरस के एसडीएम का कहना है कि एसआईटी टीम गांव में अंदर है, जांच चल रही है। जांच किसी तरह से प्रभावित न हो इसलिए दिशानिर्देश हैं और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है।
घर वालों के अलावा किसी और के अभी तक नहीं लिए गए बयान :
एसआईटी टीम ने गैंगरेप प्रकरण में मृतका के गांव बूलगढ़ी पहुंचकर परिजनों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों ने किसी अन्य ग्रामीणों के अभी कोई बयान दर्ज नहीं किया है। टीम देर रात टीम गांव पहुंची। पीड़िता के परिवार के हर व्यक्ति से सिलसिलेवार बातचीत की। गुरुवार सुबह भी टीम गांव पहुंची और परिजनों के बयान दर्ज किए। एसआईटी को सात दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी है। एसआईटी में शामिल एडीजी भगवान स्वरुप, डीआईजी चन्द्रप्रकाश द्वितीय और आगरा पीएसी की कंमाडेंट पूनम तीनों ही हाथरस में रुके हैं। सूत्र बताते है कि टीम ने अभी तक केवल पीड़ित परिवार के ही लोगों से बातचीत की। अन्य गांव के किसी व्यक्ति से इस मामले की कोई जानकारी हासिल नहीं की है।