कोविड-19 टीकाकरण के इंतजाम में लगे स्वास्थ्य अधिकारी, जानें कहां रखी जा सकती है वैक्सीन

मतदान केंद्रों से लेकर मैरिज हॉल तक, भारत के स्वास्थ्य अधिकारी उन साइटों के लिए कई विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं, जहां कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जाएगी। अनुमान है कि साल के मध्य तक 300 मिलियन भारतीयों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। निजी अस्पतालों या नर्सिंग होम को भी टीकाकरण के लिए उपयोग में लाया जाएगा।

प्रत्येक साइट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वहां कम से कम 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके। वैक्सीन के लिए जिन साइटों का चयन किया जाएगा वह काफी बड़ी होंगी (कम से कम तीन कमरों के साथ) और प्राप्तकर्ताओं के घरों या कार्यालयों के करीब होंगी। सभी साइटों पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक टीकाकरण अभियान चलेगा।

मतदान केंद्र हो सकते हैं विकल्प

अधिकारी बताते हैं कि हमारे पास दो प्रकार की साइटें होंगी। फिक्स्ड यानी तय साइटें और आउटरीच साइटें होंगी। टीकाकरण और वितरण की सुविधा और टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए साइटों की पहचान की जाएगी। आउटरीच साइटों के लिए, मतदान केंद्रों को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। मतदाता सूची से वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। इसके कारण मतदान केंद्रों में उनके लिए साइटों को निर्धारित करना सबसे अच्छा होगा।

मतदान केंद्रों के अलावा – वैक्सीन आमतौर पर स्कूलों, कॉलेजों, और सामुदायिक हॉलों में रखी जाती हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। राज्यों को केंद्र के द्वारा दी गई गाइडलाइन के अनुसार, नगरपालिका कार्यालय, पंचायत भवन, विवाह स्थल (हॉल), छावनी अस्पताल / क्लीनिक, रेलवे अस्पताल आदि को आउटरीच साइटों के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है। लेकिन इन्हें इसके लिए सभी पूर्व आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा।

टीकाकरण के लिए देने चाहिए स्लॉट्स

कोलकाता स्थित एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ प्रान्तर चक्रवर्ती कहते हैं कि मतदान केंद्रों या अस्पतालों में टीका शिविर लगाना एक अच्छा विचार है। लेकिन इसके लिए सरकार को लोगों को स्लॉट्स देने चाहिए-जैसे वे पासपोर्ट कार्यालयों में करते हैं। यह टीकाकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बना सकता है और सामाजिक दूरी बनाए रखने में मदद कर सकता है।

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भारत ने पिछले आम चुनावों में 1.03 मिलियन मतदान केंद्रों का उपयोग किया था। इस योजना में शामिल अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कई का उपयोग टीकाकरण स्थलों के रूप में किया जाएगा। एक अधिकारी बताते हैं कि एक बार जिन लोगों को टीका लगना है उसकी सूची तैयार हो जाए, उसके बाद, हमें ठीक से पता चल जाएगा कि आखिर टीका लगाने के लिए हमें किन साइटों की जरूरत है। यदि किसी क्षेत्र में 100 से कम टीका लगवाने वाले लोग हैं, तो उन्हें दूसरे क्षेत्रों के साथ क्लब किया जाएगा।

एक साइट पर होंगे तीन कमरें

बता दें, दिशानिर्देशों के अनुसार, एक साइट में कम से कम तीन कमरे होंगे। पहले कमरे का उपयोग टीका लगवाने वाले से जुड़ी कागजी कार्रवाई और पहचान के लिए किया जाएगा। दूसरा कमरा वो होगा जिसमें टीका लगाया जाएगा और आखिरी कमरे में वैक्सीन लगने के बाद आधे घंटे तक टीका के प्रभाव को देखने के लिए लोगों को रोका जाएगा।

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